
कà¥à¤°à¤¿à¤¸à¤®à¤¸ @ कमरà¥à¤¨à¤¾à¤—
रोहांडा पहà¥à¤à¤šà¤•र सबसे पहला काम था, खाली टंकर (पेट) में पेटà¥à¤°à¥‹à¤² (खाना) à¤à¤°à¤¨à¤¾ ताकि लगà¤à¤— 12 से 13 किलोमीटर का सफ़र बिना किसी अवरोध के पूरा किया जा सके. हालाà¤à¤•ि बाली के मन में शंका थी की कà¤à¤¹à¥€ पेटà¥à¤°à¥‹à¤² (खाना) ख़तà¥à¤® न हो जाये, इसलिठथोडा साथ रखकर à¤à¥€ ले चले. यहाठसे शà¥à¤°à¥‚ होता है पैदल यातà¥à¤°à¤¾ का असली रोमांच. शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤à¥€ सफ़र थोडा थकाने वाला जरà¥à¤° था, जिसकी पहली वजह थी रोहांडा में खाया गया à¤à¤°à¤ªà¥‡à¤Ÿ à¤à¥‹à¤œà¤¨ और दूसरा कारण थी अपà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ खड़ी चढाई. खैर जैसे – जैसे आगे बढते गà¤, पà¥à¤°à¤•ृति का घूà¤à¤˜à¤Ÿ उठता गया और कà¥à¤¦à¤°à¤¤ के कà¥à¤› शानदार नज़ारों नें थकान को छूमंतर कर दिया. इस पर बीच में कहीं – कहीं पर हलà¥à¤•ी – फà¥à¤²à¥à¤•ी बिखरी बरà¥à¤« के निशान इस बात की पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ करते पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ हो रहे थे कि हो ना हो à¤à¥€à¤² पर थोड़ी बहà¥à¤¤ बरà¥à¤« तो देखने को जरà¥à¤° मिलेगी, जिससे हमारा उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ और जोश दोगà¥à¤¨à¤¾ हो गया. बीच – बीच में दूर कहीं चोटियों पर पड़ी ताज़ा बरà¥à¤« और वो हसीं वादियाठहमारी कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾à¤“ं को पà¤à¤– दे रही थी, à¤à¤¸à¥‡ में किस तरह हमने आधे से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ दूरी मजे – मजे में तय कर ली थी, पता ही नहीं चला. à¤à¤¸à¥‡ में à¤à¤• बात अचंà¤à¤¿à¤¤ करने वाली यह थी कि अà¤à¥€ तक के पूरे रासà¥à¤¤à¥‡ में हमें किसी आदमजात के दरà¥à¤¶à¤¨ नहीं हà¥à¤ थे, जबकि देव कमरà¥à¤¨à¤¾à¤— को पूरे मंडी जिले का à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– आराधà¥à¤¯ देव माना जाता है. à¤à¤¸à¥€ चरà¥à¤šà¤¾ करते हà¥à¤ हम चले ही जा रहे थे के अचानक, शांत घने जंगले के बीचों – बीच किसी जानवर के दौड़ने कि आवाज़ ने पलà¤à¤° के लिठरोंगटे खड़े कर दिà¤
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