महेश्वर किला – पत्थर की दीवारों में कैद यादें………..भाग 3 (समापन किश्त)
इस श्रंखला के पिछले भाग में मैंने आपको जानकारी दी थी की किस तरह से हम महेश्वर में अहिल्या घाट पर कुछ देर रूककर…
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Read MoreAfter Darshan we returned to our room and planned to go around the temple.At around 1800 hrs we decided to go around for tea/ coffee and some snacks. Unfortunately when we went around we could not find any restaurant where we can get something to eat as all were preparing for Dinner. Generally around 1900 hrs Dinners are available at all the restaurant. We have taken route from East side to South side and then to West side. One important thing is that there are number of Lodges and Dharamshala at East and South side.
Read Moreमस्तक पर लगे हीरे को देख कर ऐसा लग रहा था की हरे रंग का ज़ीरो वाट का वल्व जल रहा हो हम लोग थोड़ी देर वहाँ एक टक निहारते रहे तभी एक दंपति वहाँ विशेष पूजा के लिए आए. रावल जी मंत्रोचार करने लगे.
Read Moreये तो था एक संक्षिप्त परिचय महेश्वर से और अब हम चलते हैं अपने यात्रा वर्णन की ओर. बारिश का मौसम, सुबह सुबह का समय, अपना वाहन और इस सबसे बढ़कर सुहावना मौसम सब कुछ बड़ा ही अच्छा लग रहा था. रास्ते में बाहर जहाँ जहाँ तक निगाह जा रही थी सब दूर हरियाली ही हरियाली दिखाई दे रही थी. हम सभी को बारिश का मौसम बहुत ज्यादा पसंद है, खासकर मुकेश को. जैसे ही मानसून आता है, एक दो बार बारिश होती है बस इनका मन घुमने जाने के लिए मचल उठता है, और हमारे ज्यादातर टूर बारिश के मौसम में ही प्लान किये जाते हैं.
मन में बहुत सारा उत्साह बहुत सारी उमंगें लिए हम बढे जा रहे थे अपनी मंजिल की ओर की तभी ऊपर आसमान में बादलों का मिजाज़ बिगड़ने लगा काले काले बादल घिर आये थे और बिजली की कडकडाहट के साथ तेज बारिश शुरू हो गई. मौसम की सुन्दरता एवं बारिश का आनंद हम कर में बैठ कर तो भरपूर उठा रहे थे लेकिन अब हमें चिंता होने लगी थी की यदि बारिश बंद नहीं हुई तो हम महेश्वर में घुमक्कड़ी तथा फोटोग्राफी का आनंद नहीं उठा पायेंगे और मन ही मन भगवान् से प्रार्थना करने लगे की हमें महेश्वर में बारिश न मिले. ईश्वर ने हमारी प्रार्थना स्वीकार कर ली थी और कुछ ही देर में मौसम खुल गया और पहले से और ज्यादा खुशगवार हो गया. सड़क के दोनों ओर कुछ देर के अंतराल पर भुट्टे सेंकनेवालों की छोटी छोटी दुकाने मिल रही थी, एक जगह से हमने भी भुट्टे ख़रीदे जो की बड़े ही स्वादिष्ट थे.
Read MoreNelson Mandela Square is dominated by a massive , bronze tribute to the moral voice of South Africa’s struggle for freedom and reconciliation. The statue, nearly 20 feet tall, dominates one end of a square in Sandton, the posh white suburb of Johannesburg that has emerged as the nation’s post-apartheid business capital. Unveiled in March 2004, this is the first public statue of Mandela. But it doesn’t stand in the forecourt of a government agency. It marks the entrance to a fancy mall, built in the 1990s and renamed after Mandela in 2004.
Read MoreSterkfontein caves are situated at the “Cradle of human kind – Maropeng” . “ Maropeng “ means “returning to place of origin” . Fossils discovered here are 03 million years old so it is considered to be the birth of Humanity.
Read Moreवैसे तो आए दिन इंदौर किसी न किसी काम से आना जाना लगा ही रहता है लेकिन अपना ही शहर होने की वजह से…
Read Moreट्रेज़र आईलेंड के मुख्य आकर्षणों में Max Retail, PVR, McDonalds, Pizza Hut आदि हैं, और ये सब मध्य प्रदेश में सबसे पहले यहीं यानी इंदौर के ट्रेज़र आईलेंड में ही शुरू हुए. हर बजट को सूट करती हुई शौपिंग के लिए इंदौर में ट्रेज़र आईलेंड से बढ़कर और कोई जगह नहीं है. इंदौर के युवाओं की तो यह जगह पहली पसंद है. लैंडमार्क ग्रुप ने भारत में अपने पहले रिटेल स्टोर की शुरुआत ट्रेज़र आईलेंड इंदौर से ही की थी. यह मॉल नॉएडा तथा गुडगाँव के मॉल्स की टक्कर का है. सभी उम्दा ब्रांड्स के शोरूम्स से सजे धजे इस मॉल में स्टेट ऑफ़ आर्ट एस्केलेटर्स भी लगे हैं. यह इंदौर ही नहीं समूचे मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा मॉल है. इंदौर के लोगों के लिए तो ट्रेज़र आईलेंड किसी टूरिस्ट स्पॉट से कम नहीं है.
Read MoreBadrinath might be a famous pilgrim spot, yet it is no less known for its exquisite natural beauty. The unparallel beauty and overpowering tranquillity explain why Gods had chosen this place to build their abode. Badrinath was another 44 kms from Joshimath and is situated at an altitude of 3,133 meters above sea level. The resident deity of Badrinath temple is Lord Vishnu.
Read MoreNext day morning, we got our breakfast packed and headed for Joshimath at around 8 a.m. It was a calculated four-hour drive from Rudraprayag. The hills were getting more and more rugged as we travelled farther and farther and more of stark, stony beauty of the Himalayas unfolded. The next stopover was at Karnaprayag. Karnaprayag is about 174 kms from Rishikesh and about 32 kms from Rudraprayag. It is again the divine meeting point of the geographically important green Pindar River with the religiously important brown and muddy Alakananda River. It is believed that here the mighty Karna had performed his penance and attained his indestructible powers from his father, the Sun God. We stretched our legs and after a brief stint of photography session, we continued heading towards Joshimath via the same NH 58.
Read Moreअमरकंटक से निकलती नर्मदा नदी जब भेड़ाघाट तक आती है तो उसका यौवन अपने उफान पर होता है। हालांकि ना ही ये किसी किस्म के आक्रोश की गर्जन है और ना ही किसी दर्प का प्रर्दशन, लेकिन एक स्वाभाविक आवेग जब क्रीड़ा करने पर उतारु हो तो उसका प्रतिलक्षण शायद इतना ही विहंगम होगा। जी हां धुआंधार प्रपात को भारत के नियाग्रा प्रपात की संज्ञा दी जाती है और इसका अहसास इस जगह पर आकर ही किया जा सकता है। नर्मदा की लहरों का शोर, उस तेज बहाव के चट्टानों पर टकराने से उठती धुंध और उसकी वजह से बनता एक रहस्मयी आवरण, पल भर में ही आपको सम्मोहित कर देगा।
Read MoreKolkata(originally known as Calcutta), capital of the Indian state of West Bengal, former capital of India, is one of the 6 metros of India. Also known as the cultural capital of India, sometimes city of joy, city of festivals, Calcutta as a city still depicts as a true cultural, political, festive and an antique city in India. Almost 300 years old, Calcutta has really grown with ages and diversities, and is currently trying to compete head to head with other metros in India in terms of development too.
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