
मांडू दरà¥à¤¶à¤¨ à¤à¤¾à¤²à¤¸à¥‡ परिवार के संग
इस संसà¥à¤•ृत विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ का नाम अशरà¥à¤«à¥€ महल कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ कर पड़ गया, इसके बारे में मैने दो कहानियां सà¥à¤¨à¥€ हैं – à¤à¤• उस गाइड के मà¥à¤‚ह से जो मà¥à¤•ेश à¤à¤¾à¤²à¤¸à¥‡ ने मांडू दरà¥à¤¶à¤¨ कराने के लिये तय किया था। उस गाइड के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, “मà¥à¤—ल बादशाह जहांगीर की बेगम बहà¥à¤¤ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¥‡à¤—नेंट थी और अशरà¥à¤«à¥€ महल की सीà¥à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ चà¥à¤¨à¥‡ में आनाकानी कर रही थी । इसके लिये बादशाह ने पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• सीà¥à¥€ पर चà¥à¤¨à¥‡ के लिये बेगम पर अशरà¥à¤«à¥€ लà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‡ का वायदा किया। अशरà¥à¤«à¥€ के लालच में बेगम अपनी पà¥à¤°à¥‡à¤—नेंसी को à¤à¥à¤²à¤¾ कर सीà¥à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ चà¥à¤¤à¥€ चली गई।” दूसरी कहानी आर. बी. देशपांडे अपनी पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• “Glimpses of Mandu: Past and Present” में उदà¥à¤§à¥ƒà¤¤ करते हैं, जो वासà¥à¤¤à¤µ में बादशाह जहांगीर की मà¥à¤‚ह जबानी है –
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