मेट्रो शहरों में बढ़ते ट्रेफिक के दबाव, सडकों की बदतरीन हालत, महंगाई, सरकारी नियमों और बेतरतीब फैलते शहरों ने इसे हम से छीन कर अतीत के गर्त में पहुंचा दिया है, मगर यहाँ इसे फिर से जीने का एक मौका मिला है, एक-एक कर सारे उस पर सवार हो जाते हैं और फिर बच्चों द्वारा समवेत स्वर से “ चल मेरी धन्नो !” के कालजयी उद्गोश के साथ तांगे वाला चल पड़ता है और मै मसूद रांणा के उस गीत को याद कर रहा हूँ
“तांगे वाला नित खैर मंगदा, तांगा लहौर दा होवे पांवे चंग्ग दा”
(वैसे लाहौर और झंग वर्तमान में पाकिस्तान में हैं) और इस गाने में तांगे वालों की मेहनत, जानवर और सवारी के लिए उनका प्यार, और उनकी मुफलिसी (तंगहाली) को बहुत अच्छी जुबान दी गयी है | जीवन का कोई भी क्षण क्यूँ ना हो, हमारे फिल्म संगीत ने हर अवसर के लिए बेहतरीन गीत दिए हैं और अब इंटरनेट ने ऐसे दुर्लभ गीतों को एक बार फिर से सुनने का मौका ! खैर, तांगे की सवारी में सब इतना मग्न हो गये हैं कि जब तांगे वाला आवाज लगता है, “लो जी पहुंच गये…” तो एक निराशा सी होती है अरे इतनी जल्दी, कोई और लम्बा रास्ता नही था…? एक पल को तो जैसे भूल ही गये कि हम तांगे की सवारी करने नही, ताज़महल देखने आये हैं !
ताज़महल के प्रवेश द्वार के आगे लोगों की लम्बी कतारें लगी हुई हैं, जिन्हें देख कर लगता है कि अंदर प्रवेश पाने में ही कम से कम एक घंटा लग जायेगा, पर हमारा गाईड हमारा तारनहार बन कर सामने आता है, “मेरे पीछे आइये, जल्दी से …” और ना जाने किन-किन गलियों और रिहाईशी इलाकों से हमे गुजारता हुआ पांच- सात मिनट में ही एक ऐसे गेट के आगे ले जाता है, जहाँ अपेक्षाकृत बहुत ही कम लोग हैं, पास ही कई ऐसी छोटी-छोटी सी दुकानें हैं, जो रंग-बिरंगी टोपियों से लेकर ताज़ के प्रतिरूप और आगरे का मशहूर पेठा तक बेच रहें है | हमारा गाईड हमे कहता है कि शू कवर जरूर ले लें, दस रुपैये प्रति जोड़े के हिसाब से सबके लिए कवर और कुछ टोपियों भी ले ली जाती हैं, ताज़महल के अंदर जाने के लिए प्रवेश टिकट 20 रू की है, और जब तक हमारी ये छोटी सी खरीदारी पूरी हो, हमारा गाईड खुद ही टिकटें ले आता है | आँतक के इस दौर में, मुख्य प्रवेश द्वार से कुछ पहले ही सबकी सामान सहित तलाशी ली जाती है, और फिर सिक्योरिटी वालों के पूरी तरह संतुष्ट हो जाने पर, आपको हवाले कर दिया जाता है उन लम्हों के, जिन्हें देखने, सुनने, और महसूस करने का अनुभव, अब से केवल आपका और केवल आपका ही होगा !
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