सà¥à¤¬à¤¹ शंख धà¥à¤µà¤¨à¤¿, घंटे – घड़ियाल की मंगल धà¥à¤µà¤¨à¤¿ से आंख खà¥à¤²à¥€ तो देखा कि 7 बज रहे हैं। कविता घर में बने हà¥à¤ अपने मंदिर से बाहर आ चà¥à¤•ी थीं और बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को हिला-हिला कर जगा रही थीं कि घूमने चलना है अतः अलस तà¥à¤¯à¤¾à¤—ो और फटाफट तैयार हो जाओ ! बचà¥à¤šà¥‡ पहले तो उठने के मूड में नहीं थे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि रविवार का छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ का दिन था पर जब धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ दिलाया गया कि पिकनिक पर जाना है तो फटाफट बिसà¥à¤¤à¤° में से निकल आये। शिवमà¥â€Œ को यह à¤à¥€ लालच दिया गया कि नीचे चल कर कार की सफाई में à¤à¥€ उसकी सहायता ली जायेगी। लड़कों को पता नहीं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤¸à¥‡ अजीबो-गरीब कामों में बहà¥à¤¤ मज़ा आता है। मेरे बेटे à¤à¥€ जब छोटे थे तो खेल – खिलौनों के बजाय पà¥à¤²à¤¾à¤¸, पेचकस, संडासी जैसे सामान में अधिक रà¥à¤šà¤¿ लेते थे।
मà¥à¤•ेश ने गैराज़ में से अपनी शेवरले सà¥à¤ªà¤¾à¤°à¥à¤• निकाली और फिर शिवमà¥â€Œ के साथ à¤à¤• बालà¥à¤Ÿà¥€ पानी, कà¥à¤› अखबार और डसà¥à¤Ÿà¤° आदि लेकर नीचे पहà¥à¤‚चे। मैं à¤à¥€ अपना कैमरा उठाने लगा तो बोले, अà¤à¥€ इसका कà¥à¤¯à¤¾ काम ! जाने में तो अà¤à¥€ दो घंटे हैं। मैने कहा कि पिकनिक तो उसी समय से शà¥à¤°à¥ हो जाती है जब हम यह निशà¥à¤šà¤¯ कर लेते हैं कि पिकनिक पर जाना है। उसके बाद में की जाने वाली सà¤à¥€ तैयारियां à¤à¥€ पिकनिक का अà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ हिसà¥à¤¸à¤¾ हैं। कार की धà¥à¤²à¤¾à¤ˆ – पà¥à¤›à¤¾à¤ˆ – सà¥à¤–ाई सब इस अविसà¥à¤®à¤°à¤£à¥€à¤¯ पिकनिक का अविà¤à¤¾à¤œà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤— है। इसलिये इन सब की फोटो à¤à¥€ जरूरी है! सब कà¥à¤› पिकनिक की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से करो तो हर काम में मज़ा आने लगता है। आधा घंटे तक MP 11 CC 0470 कार की मसà¥à¤•ा पालिश की गई। फिर ऊपर आकर नहाये – धोये ! कविता तब तक धांसू वाली सà¥à¤Ÿà¤«à¥à¤¡ पूरियां और सबà¥à¥›à¥€ बना चà¥à¤•ी थीं जिनका हमने जी à¤à¤° के à¤à¥‹à¤— लगाया। बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने कार में सारा सामान बूट में रखा। à¤à¥‹à¤²à¥‡ बाबा को बारंबार पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® करके हम सब फà¥à¤²à¥ˆà¤Ÿ से नीचे उतर आये और मà¥à¤•ेश ने कार की चाबी मेरे हाथों में सौंप दी।
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