
Toranmal (तोरणमाल) – An unexplored but beautiful hill station
This is my first endavour to write a travelogue on Ghumakkar. I also am a travel lover like most of the other human beings. Since…
Read MoreThis is my first endavour to write a travelogue on Ghumakkar. I also am a travel lover like most of the other human beings. Since…
Read Moreनवम्बर 2011 कि बात है, अपनी ज्योतिर्लिंग यात्रा के अगले स्थान के रुप में हमने चुना था भिमाशंकर को। विशाल राठोड़ से उस समय…
Read Moreहम जब भी धार्मिक यात्रा पर जाते हैं तो हमारी हमेशा यही कोशिश रहती है की विश्राम स्थल मंदिर के जितना हो सके करीब हो, ताकि अपने प्रवास के दौरान हमारा जितनी बार मन करे उतनी बार हम भगवान् के दर्शन कर पायें, साथ ही साथ मन में यह संतुष्टि भी होती है की हम मंदिर के करीब रह रहे हैं, और हम मंदिर की सारी गतिविधियाँ देख पाते हैं.
Read Moreपागल बाबा मंदिर दर्शन के बाद अब हम पहुंचे श्री कृष्ण प्रणाम परम धाम मंदिर में। यह भी बहुत सुन्दर मंदिर था तथा यहाँ पर सशुल्क यन्त्र चालित झांकियां भी थीं, हमने भी झांकियां देखीं, कृष्ण भगवान के जीवन पर आधारित ये झांकियां बड़ी ही मनमोहक थी, बच्चों को तो यह शो इतना पसंद आया की वे मंदिर से बाहर निकलने को राजी ही नहीं हो रहे थे। अब हम फिर अपने वाहन में सवार हो गए थे, ये दोनों मंदिर तो मथुरा के ही बाहरी इलाके में थे अतः मैं सोच रहा था की अब शायद मथुरा की सीमा समाप्त होगी और फिर कुछ देर के बाद वृन्दावन शुरु होगा, लेकिन मेरा सोचना गलत साबित हुआ, अभी मथुरा समाप्त ही नहीं हुआ था और ड्राईवर ने कहा की वृन्दावन आ गया। मुझे बड़ा आश्चर्य हो रहा था की ऐसे कैसे वृन्दावन आ गया।
Read Moreआनंद सागर का नाम सर्वथा उपयूक्त है, ये सचमुच आनंद का सागर है | श्री गजानन महाराज के दर्शन करने के लिए आये उनके अनुयायी तथा भक्त स्वाभाविक रूप से इच्छुक होते है की वे यहाँ कुछ दिन रुके तथा संस्थान की धार्मिक, संस्कृतिक तथा शैक्षणिक गतिविधियों में हिस्सा लें, भक्तों की इस इच्छा को केंद्र में रखते हुए संस्थान ने उनके बचे हुए समय में उन्हें प्रकृति तथा अध्यात्म से जोड़ने के लिए एक उद्यान का विकास किया जिसे आनंद सागर नाम दिया गया और आज आनंद सागर का नाम देश के कुछ चुनिन्दा उद्यानों में शुमार है |
Read Moreपिछले वर्ष अक्टुबर में श्रीसैलम ज्योतिर्लिंग तथा तिरुपति बालाजी की यादगार यात्रा के बाद बहुत समय से किसी यात्रा का योग नहीं बना था, इधर एक लम्बे अरसे महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में स्थित संत श्री गजानन महाराज के पवित्र स्थान शेगांव के बारे में सुनते चले आ रहे थे और पिछले एक वर्ष से वहां जाने का मन बन रहा था, अंततः अपनी इस इच्छा को मूर्त रूप देने के प्रथम प्रयास के रूप में मैंने अपने परिवार के साथ शेगांव जाने के लिए अपने करीबी शहर महू से अकोला के लिए दिनांक 21 अक्टुबर का रेलवे का रिजर्वेशन करवा लिया।
Read Moreहम वहां के अत्यंत शांतिपूर्ण माहौल में पहुंचकर तथा औरंगजेब की कब्र के सामने खड़े होकर स्तब्ध तथा आश्चर्यचकित होकर आँखे फाड़ फाड़ कर देख रहे थे और सोच रहे थे……एक समय हिन्दुस्तान पर राज़ करने वाले बादशाह की कब्र…….इतनी साधारण…….इतनी सादगी लिए……….ऊपर छत भी नही……….हमारी इस जिज्ञासा को शांत किया वहीँ पर खड़े एक मौलाना रूपी गाइड ने.
Read MoreIn last post of this series I had described you about our visit to various temples of Haridwar which we had left last day…
Read MoreIn the last post of this series I had narreted how we arrival to Haridwar and performed Ganga Snan at Har Ki Pouri. Now…
Read MoreIt has been really a long time since I last posted any travelogue on ghumakkar. Due to various official as well as domestic engagements…
Read Moreदोस्तों, घुमक्कड़ी की अपनी अतृप्त तथा अनियंत्रित तृष्णा को आभासी परिकल्पनाओं की उड़ान से शांत करने की गरज से गूगल पर घूमते घूमते कब…
Read Moreसभी घुमक्कड साथियों को दशहरे की हार्दिक शुभकामनायें तथा आने वाली दिवाली की अग्रिम शुभकामनाएं. पिछली पोस्ट में मैने अपलोगों को हमारी रोहतांग की बर्फिली…
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