
गढ़वाल घà¥à¤®à¤•à¥à¤•डी: करà¥à¤£à¤ªà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— – विषà¥à¤£à¥à¤ªà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— – बदà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¾à¤¥
चूà¤à¤•ि आज हमे सिरà¥à¤«à¤¼ बदà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¾à¤¥ ही पहà¥à¤à¤šà¤¨à¤¾ था (जो की यहाठसे मातà¥à¤° 125 किमी ही है), इसलिठहम संगम पर काफ़ी देर बैठे मसà¥à¤¤à¥€ करते रहे. संगम का आनंद लेकर और दोनो नदियों के जल से विशà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ व उरà¥à¤œà¤¾ पाकर हम लोग आगे की यातà¥à¤°à¤¾ पर निकलने को तैयà¥à¤¯à¤¾à¤° थे. ढाबे पर नाशà¥à¤¤à¤¾ करने के बाद, हम लोग सीधे बदà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¾à¤¥ की बस लेने आ पहà¥à¤à¤šà¥‡. थोड़ी देर इंतेज़ार के बाद, à¤à¤•ाध बसें आई पर सब खचाखच à¤à¤¾à¤°à¥€ हà¥à¤ˆ, पाà¤à¤µ रखने तक की जगह नही थी, यातà¥à¤°à¤¾ सीज़न मे ये à¤à¤• आम नज़ारा है.
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