रोपवे 70 /- रूपये किराया था एक बार में करीब 20 से 25 लोग इसमें सफ़र कर सकते थे। इसमें बैठने की व्यवस्था नहीं है इसमें खड़े होकर आस-पास और नीचे का व्यू देखते हैं। एक अलग ही नजारा देखने को मिल रहा था साथ ही साथ जब बस नीचे को तेजी से उतर रही होती है तब हल्का सा डर भी लगता है।
रोपवे की यात्रा के बाद सीढियों से नीचे उतरते हुए एक रेस्टोरेंट है। इस समय तक भूख जोरो की लग रही थी सभी यहाँ पर खाना खाने के लिए रुक गए। यहाँ पर हम लोगो को आधे घंटे से ज्यादा समय लग गया और अब 4 बजने वाले थे। ड्राइवर जल्दी से पास में ही Namgyal Institute of Tibetiology ले गया। जो 4 बजे बंद हो जाती है अभी हम अन्दर घुसे मुश्किल से एक मिनट ही हुआ था कि केयर टेकर ने लाइट बंद कर दी बोला टाइम ओवर।
अब तक शाम ढल चुकी थी सडको पर और मार्किट में लाइटे जगमगा रही थीं। परन्तु सारे दिन की भाग दौड़ के बाद शारीर इतना थक चूका था कि लग रहा था कि अब कुछ देर आराम किया जाय। आठ घंटे से ज्यादा समय घूमते हुए हो गया था।
एक बात और हम लोग इतने सारे व्यू पॉइंट पर गए पर कहीं भी कोई टिकेट वगैरह नहीं चार्ज किया जा रहा था। हाँ कुछ एक जगह टैक्सी स्टैंड वाले जरुर 10 /- रूपये प्रति कार चार्ज कर रहे थे।
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