
गोबिंद घाट – शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र -ऋषिकेश : (à¤à¤¾à¤— 7)
गà¥à¤°à¥à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ काफ़ी विशाल है और हेमकà¥à¤¨à¥à¤¡ आने-जाने वाले यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिये à¤à¤• महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ विशà¥à¤°à¤¾à¤® सà¥à¤¥à¤² है। गà¥à¤°à¥à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ में बहà¥à¤¤ से हेमकà¥à¤¨à¥à¤¡ यातà¥à¤°à¥€ थे, कà¥à¤› लोग दरà¥à¤¶à¤¨ को जा रहे थे और कà¥à¤› लोग दरà¥à¤¶à¤¨ करने के बाद वापिस लौट रहे थे। हमने à¤à¥€ वहाठलंगर छका (खाया) और फिर चाय पी। लगà¤à¤— तीन बज चà¥à¤•े थे और हम ऋषिकेश की ओर निकल दिये। रासà¥à¤¤à¥‡ में à¤à¤• बार रà¥à¤¦à¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— में चाय के लिये गाड़ी रà¥à¤•à¥à¤µà¤¾à¤ˆ और फिर से यातà¥à¤°à¤¾ जारी रखी।
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