09 Sep

Braving the chill – Gwaldam, Uttarakhand

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Sonu and I are well capable of lifting more than 100 kgs. The rock couldn’t be lifted. It felt like it was bolted to the ground but strangely, it could be rolled easily from one place to another. The high priest smiled at our embarrassed looks and called Paahji and one more guy to join hands. Together we put nine fingers under the rock and chanted ‘9-9-9-……’ and stood up slowly.

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Chennai Beaches

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Marina beach is a major tourist attraction of the city. This sea is rough and the waves here are strong. People visiting Chennai make a point to visit the beach. It is also the main place for the local people to escape from the summer heat. This beach is always crowded attracting about 30,000 – 50,000 visitors everyday. The beach has around 450-500 shops and stalls run by local vendors. It is an ideal hangout place for people of all ages. There are two swimming pools along the stretch maintained by Chennai Corporation.

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पार्वती घाटी (कुल्लू) में एकल (solo) घुमक्कड़ी — खीर गंगा से वापसी

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नकथान में ग्रामवासियों को दैनिक जीवन के क्रिया कलापों को करते देखा जा सकता है. अपने आस-पास उपलब्ध दैनिक जीवन के सीमित सुविधा, संसाधनों से संतुष्ट यहाँ के लोग जीवन को वास्तविक रूप में जीते हैं. झरनों का बहता स्वच्छ-शुद्ध जल, पहाड़ों से होकर आती शीतल सुगन्धित वायु, पहाड़ों के बीच बहती पार्वती नदी, छोटे-छोटे खेत और बागों में उगने वाले फल, सब्जी और अन्न और साथ में रहने वाले सहयोगी पशु. जीवन को वास्तविक रूप में जीने के लिए बस इतना ही चाहिए इसके अतिरिक्त बाकी सब जीवन को और अधिक सुविधा-संपन्न बनाने की कभी न ख़त्म होने वाली लालसा ही है.

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पार्वती घाटी (कुल्लू) में एकल (solo) घुमक्कड़ी — खीर गंगा

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खीर गंगा का प्रमुख आकर्षण यहाँ बना हुआ प्राकृतिक गर्म पानी का कुंड “पार्वती कुंड” है. प्राचीन मान्यता के अनुसार खीर गंगा में प्राचीन समय में खीर बहती थी जो पहाड़ों के बीच से होकर पार्वती कुंड में गिरती थी. वर्तमान में भी पार्वती कुंड के पानी का रंग सफ़ेद है और खीर की मलाई जैसे छोटे-छोटे कतरे पार्वती कुंड के पानी में देखे जा सकते है. इसी कारण से इसका नाम खीर गंगा पड़ा. पार्वती कुंड में नहाने से पहले कुंड की पवित्रता बनाये रखने के लिए कुंड के बाहर गिरते पानी में नहाना आवश्यक है.

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Delhi to Bhimtal by road, all routes explained

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Avoid early morning drives during full-moon days since Garh Mukhteshwar sees a lot of pilgrims. Karthik Purnima is biggest. There would be three Toll points, most of them decently managed. Pilakhua is a great place for a 30 minute shopping break for towels, bed-sheets, pillow-covers. Just shy of Garh Muketshwar, you can buy all the moodhas (functional ones as well as decorative/toy ones) you always wanted. Bargain hard.

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हरिद्वार से यमनोत्री

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मंदिर पहुँच कर  गर्म कुंड मे स्नान किया. यहाँ पर काफ़ी भीड़ थी. पर स्नान मे कोई दिक्कत नही हुई. कुंड का  जल ज़्यादा गर्म ना हो इसलिए ठंडे पानी की  पतली धार कुंड मे गिर रही थी. और यह ज़रूरी भी था क्योकि इस कुंड से उपर दिव्य शिला पर जो कुंड है उसमे तो इतना गर्म पानी है कि सभी लोग पूजा के चावल उसमे पकाते है. जैसा कि  मैने पढ़ा था की दर्शन से पहले मंदिर के बाहर दिव्या शिला का पूजन करते है उसके बाद दर्शन के लिए जाते है. गर्म कुंड मे स्नान कर के कपड़े बदल ही रहा था कि  तभी पंडा लोग आ कर पूजा करने का आग्रह करने लगे. पूजा तो करनी ही थी मैने पूजा से पहले  पंडा से पूछ  लिया की कितने पैसे लोगे पर सभी कह रहे थे आप अपनी श्रधा  से दे देना. कई लोगो ने डरा दिया था की यहाँ पंडा लोग बहुत पैसे  ले लेते है. इसलिए मैने पहले ठहरा लेना उचित समझा. जब वह श्रधा  की बात करने लगे तो मैने कहा 201 रुपये दूँगा. वह बोले ठीक है अब हम अपने परिवार के साथ उनके  मंदिर के पास बने प्लेटफोर्म पर पहुचे. यहाँ पर बहुत सारे लोगो को पंडा लोग पूजा करवा रहे थे एक जगह बैठा कर पूजा करनी शुरू की. मै  समझा करता था कि   कोई शिला  होगी पर शिला तो कोई नज़र नही आई तब मैने पंडा जी से पूछा तो उन्होने बताया की जिस स्थान पर बैठे है यही दिव्या शिला है. पूजा के बाद पंडा जी ने कहा, अब आप लोग माँ  यमुना जी के दर्शन कर लो जब तक आपके चावल भी पक जाएँग. यमञोत्री मे प्रसाद  के रूप मे चावल गर्म कुंड मे पका कर यात्री ले जाते है. मंदिर मे ज़्यादा भीड़ नही थी माँ यमुना की मूर्ति काले पत्थर की  बनी है उनके साथ माँ  गंगा की भी मूर्ति स्थापित है. दर्शन कर  के बाहर आया तब तक पंडा गर्म कुंड मे पके हुए चावल की पोटली ले कर आ गये. मैने कही पढ़ा था की यहाँ एक ऋषि रहते थे जो रोज गंगा नहाने पहाड़ पार कर के गंगोत्री जाते थे जब वह काफ़ी उम्र  के हो गये और पहाड़ पार  कर जाना संभव नही हुआ तब माँ  गंगा से उन्होने प्राथना की तब गंगा वही प्रकट हो गई . कहते है यहाँ यमनोत्री मे एक धारा गंगा की भी  बहती है. मैने जब इस बारे मे पंडा जी से पूछा तब उन्होने अनभीग्यता प्रकट की. अब मैने सोचा की यहाँ तक आए है तो यमुना जी का जल तो ले चलना चाहिए. मंदिर के साथ से ही यमुना जी बह रही है. 1-2 लोग वहाँ पर जल ले रहे थे मैने भी एक बोतल मे जल भरा,  पत्नी और बच्चो को भी बुला कर यमुना जी के दर्शन कराए. एक तरह से यहाँ पर यमुना जी पहले दर्शन होते है. यमुना जी का जल एक दम स्वच्छ  पारदर्शी है और पीने मे बहुत अच्छा लगा यही जल दिल्ली पहुच कर किस अवस्था मे हम कर देते है यह तो दिल्ली वाले ही जानते है. जल इतना ठंडा था कि   बड़ी मुश्किल से बोतल मे भर पाया.

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पार्वती घाटी (कुल्लू) में एकल (solo) घुमक्कड़ी — मणिकर्ण

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गुरुद्वारा श्री मणिकर्ण साहिब के अतिरिक्त यह स्थान अपने गर्म पानी के स्रोतों के लिए भी प्रसिद्ध है. खौलते पानी के स्रोत मणिकर्ण का सबसे अचरज भरा और विशिष्ट आकर्षण हैं. इन स्रोतों के गंधकयुक्त गर्म पानी में कुछ दिन स्नान करने से चर्म रोग या गठिया जैसे रोगों में विशेष लाभ मिलता है. इस पानी में गंधक के कारण अधिक देर तक नहाने से चक्कर भी आ सकते हैं. इन्हीं स्रोतों के गर्म पानी का उपयोग गुरुद्वारे के लंगर के लिए चाय बनाने, दाल व चावल पकाने के लिए किया जाता है. गर्म पानी के इन स्रोतों में पानी के तापमान का अनुमान नीचे दिया गए विडियो से लगाया जा सकता है.

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