धीरे धीरे चलते हà¥à¤, रà¥à¤•ते हà¥à¤, बैठते हà¥à¤, हम लोग उस दो राहे पर आ गठथे, जंहा से à¤à¤• रासà¥à¤¤à¤¾  अरà¥à¤§ कà¥à¤‚वारी की और जाता हैं. और बांये से à¤à¤• रासà¥à¤¤à¤¾ नीचे की और से माता के à¤à¤µà¤¨ की और जाता हैं. अरà¥à¤§ कà¥à¤‚वारी की और से माता के à¤à¤µà¤¨ पर जाने के लिठहाथी मतà¥à¤¥à¤¾ की कठिन चढाई चढनी पड़ती हैं. और इधर से दूरी करीब साढ़े छह  किलो मीटर पड़ती हैं. जबकि नीचे वाले रासà¥à¤¤à¥‡ से चढाई बहà¥à¤¤  कम पड़ती हैं. और इधर से माता के à¤à¤µà¤¨ की दूरी  करीब पांच किलो मीटर पड़ती हैं.  अरà¥à¤§ कà¥à¤‚वारी माता के à¤à¤µà¤¨ की यातà¥à¤°à¤¾ में ठीक मधà¥à¤¯ में पड़ता हैं. यंहा पर माता का à¤à¤• मंदिर, गरà¥à¤ जून गà¥à¤«à¤¾, और बहà¥à¤¤ से रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚ट, à¤à¥‹à¤œà¤¨à¤¾à¤²à¤¯, डोर मेटà¥à¤°à¥€ आदि बने हà¥à¤ हैं. यंहा पर यातà¥à¤°à¥€ गण थोड़ी देर विशà¥à¤°à¤¾à¤® करके, गरà¥à¤ जून की गà¥à¤«à¤¾, व माता के दरà¥à¤¶à¤¨ करते हैं, फिर आगे की यातà¥à¤°à¤¾ करते हैं. पर हम लोग नीचे के रासà¥à¤¤à¥‡ से जाते हैं, और वापिस आते हà¥à¤ माता के दरà¥à¤¶à¤¨ करते हैं. ये कंहा जाता हैं की माता वैषà¥à¤£à¥‹ देवी इस गà¥à¤«à¤¾ में नो महीने रही थी, और गà¥à¤«à¤¾ के दà¥à¤µà¤¾à¤° पर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जी पहरा देते रहे थे. à¤à¥ˆà¤°à¥‹ नाथ माता को ढूà¤à¤¢à¤¤à¤¾ घूम रहा था, और माता इस गà¥à¤«à¤¾ से निकल कर आगे बढ़ गयी थी.
हम लोग नीचे वाले रासà¥à¤¤à¥‡ से आगे बढ़ गठथे. मौसम फिर से  खराब होना शà¥à¤°à¥‚ हो गया था. माता के à¤à¤µà¤¨ की यातà¥à¤°à¤¾ के मारà¥à¤— में थोड़ी थोड़ी दूर पर टिन शेड बने हà¥à¤ हैं. जिनमे मौसम खराब होने पर व बारिस होने पर रà¥à¤• सकते हैं. बारिश होने से हम लोग à¤à¥€ à¤à¤• टिन शेड में रà¥à¤• गठथे.
Read More