
à¤à¤¾à¤—3 – चोपता से वापस नॉà¤à¤¡à¤¾à¥¤
हम लोग होटल से दूसरी और जाकर सड़क से नीचे नदी के पास चले गà¤à¥¤ ठनà¥à¤¡à¥‡ पानी से हाथ-मà¥à¤¹ धोकर मज़ा सा आ गया था। मà¥à¤à¥‡ याद नहीं आ रहा पर हम मे से किसी ने सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने की इचà¥à¤›à¤¾ जताई थी। वो जो à¤à¥€ था पागल था। बदन पर तो दो-दो जोड़े सà¥à¤µà¥‡à¤Ÿà¤° और ऊपर से जैकेट डाला हà¥à¤† था और पानी देख कर सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने का मन हो चला था। à¤à¤—वान का शà¥à¤•à¥à¤° है की पागल ने पागल-पंती नहीं की। हम लोगों ने नदी के पास जाकर कà¥à¤› फ़ोटो लिà¤à¥¤ यहाठपर हमारा अचà¥à¤›à¤¾ टाइम पास हो रहा था। वरना होटल के अंदर नाशà¥à¤¤à¥‡ का इंतज़ार मे खली-पीली टाइम ही बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ होता।
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