मेरे पिताजी ने अपनी CPWD की नौकरी के दौरान कà¥à¤› समय जोशीमठसे आगे ओली में गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¾ था और वो वहाठITBP के कैमà¥à¤ª में रà¥à¤•ते थे, दरअसल उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ वहाठकà¥à¤› सरकारी à¤à¤µà¤¨à¥‹à¤‚ के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ से समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¿à¤¤ कारà¥à¤¯ करवाने होते थे और उनकी मदद के लिये सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ मजदूर, खलासी और बेलदार का काम करते थे जो उनका सामान इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ लेकर चलते थे तथा अनà¥à¤¯ कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ मदद करते थे, उनसे अपनी बातचीत को वो अकà¥à¤¸à¤° हमसे साà¤à¤¾ करते थे, कà¥à¤›à¥‡à¤• जà¥à¤®à¤²à¥‡ जो सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ लोग सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¥‡ थे, और आज à¤à¥€ मà¥à¤à¥‡ याद हैं, वो कà¥à¤› इस पà¥à¤°à¤•ार से थे कि “पहाड़ का वासा, कà¥à¤² का नासाâ€, और, “जो नदी के किनारे बसते हैं, नदी उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बसने नही देती†और यदि उन बातों को फिलहाल में केदारनाथ में हà¥à¤ˆ à¤à¤¯à¤‚कर आपदा के परिपेकà¥à¤·à¥à¤¯ में देखें तो ये मानना ही पड़ेगा कि अपने कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ की जटिल परिसà¥à¤¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को वो ही बेहतर ढंग से जानते-समà¤à¤¤à¥‡ है |
मैं अपने इस आलेख में à¤à¤¸à¤¾ कोई दावा नही करने जा रहा कि मà¥à¤à¥‡ इन गाà¤à¤µà¥‹à¤‚ के बारे में कोई जानकारी है या मै उनकी रोजमरà¥à¤°à¤¾ की दà¥à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को दूसरों की अपेकà¥à¤·à¤¾ अचà¥à¤›à¥€ तरह समà¤à¤¤à¤¾ हूठ| अपितॠमेरा तो ये आलेख ही सà¥à¤µà¤¯à¤® अपने आप पर ही तंज़ (वà¥à¤¯à¤‚गà¥à¤¯,कटाकà¥à¤·) है कि à¤à¤• बार की चढ़ाई-उतराई ने ही हमारी ये हालत कर दी कि उसके बाद काफ़ी समय तक रà¥à¤• कर आराम करना पड़ा | वसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤ƒ मै इस आलेख के माधà¥à¤¯à¤® से उन कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के वासियों और खास तौर पर महिलायों के जजà¥à¤¬à¥‡ और उनकी हिमà¥à¤®à¤¤ को अपना नमन करता हूठजो कि अपनी घर-गà¥à¤°à¤¹à¤¸à¥à¤¥à¥€ के अलावा बाज़ार के कामों और अपने जानवरों को à¤à¥€ समà¥à¤à¤¾à¤²à¤¤à¥€ हैं, जिन रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ पर चलते ही हमारी सांस फूल जाती है, वहाठवो अपने सर पर घास के गटठर या जलावन के लिठलकड़ियाठउठाये, बिना किसी शिकायत के चलती रहती हैं, वो बचà¥à¤šà¥‡ à¤à¥€ दाद के हकदार हैं जो अपने सà¥à¤•ूल तक पहà¥à¤‚चने के लिठकई-कई किलोमीटर इन कचà¥à¤šà¥‡-पकà¥à¤•े रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ से गà¥à¤œà¤°à¤¤à¥‡ है, जिनमे कई पहाड़ी नदियाठà¤à¥€ आती है और जंगली जानवरों का खतरा à¤à¥€ हरदम बना रहता है, पर वो अपने अदमà¥à¤¯ साहस और मजबूत जिजीविषा के बलबूते सारी विपरीत परिसà¥à¤¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बावजूद अपने हौसले को बनाये रखते हैं |
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