
माँ चंडी देवी, हरद्वार की यात्रा
माता के जिस स्वरूप की हम बात कर रहे है उसका थोड़ा व्याख्यान करना तो बनता है। तो प्रिय पाठकों माँ चंडी देवी का मंदिर नील पर्वत पर स्थित एक सिद्ध पीठ के रूप में प्रसिद्ध है। कहा जाता है की आठवीं शताब्दी में प्रसिद्ध हिन्दू धर्म गुरु आदि शंकराचार्य द्वारा माता की मूर्ति की स्थापना यहाँ पर की गयी थी। इस स्थान से जुडी एक पौराणिक कथा यह है की शुम्भ-निशुम्भ नामक राक्षसों, जिन्होंने इंद्रा का साम्राजय अपने अधिपत्य में ले लिया था, का वध करने के बाद माता चंडी देवी, जिनकी उत्पत्ति देवी पारवती के अंश से हुयी थी, यहाँ पर कुछ समय के लिए विश्राम करने हेतु रुकी थी।
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