Religious

Mumbai Tour Part -3 / मुंबई की सैर भाग -3 (बाबुलनाथ मंदिर, एंटीलिया और ताज महल होटल)

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पिछली पोस्ट में मैंने आपको मुंबई के फ़िल्मी सितारों के घर, मुक्तेश्वर महादेव मंदिर, जुहू स्थित इस्कॉन मंदिर,  तथा सिद्धिविनायक मंदिर के बारे में…

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The Shaikh Zayed Grand Mosque

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While driving along the airport highway, a massive, magnificent, multi-domed edifice springs up, seemingly out of nowhere from the stark desert environs . We are on the outskirts of Abu Dhabi, the capital of the United Arab Emirates and gazing in wondrous disbelief at what is arguably the most beautiful building this side of the Arabian Sea, the Sheikh Zayed bin Sultan Al Nahayyan Grand Mosque. It is purportedly the third largest mosque in the world, after the great mosques at Makkah and Madina.

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Three Ghumakkars

Summer Vacation – a wonderful run through NH-2 towards Ghats of Varanasi – Part I

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We took a rickshaw and then walked for 5 minutes to reach Dasaswamedh Ghat. The Sandhya Aarati took our breathe away. We have never seen such a live performance – they were at their artistic best. Finally around 8 p.m., the journey took its toll and my son couldn’t stand anymore and we decided to return to the hotel, with a promise to come back again and spend a few days to explore the city once again.

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श्री जटेश्वर महादेव मंदिर भाग २

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नई दिल्ली से ट्रेन ठीक टाइम पर चली और मैं सकुशल पंजाब पहुँच जाता हूँ . मित्र सम्बन्धी मेल मिलाप करने में दो दिन और निकल जाते हैं . आज चंडीगढ़ से शिव भोले की यात्रा शुरू करते हैं. जैसा आपने श्रीखण्ड महादेव यात्रा में संदीप जी के साथ शिव भोले के विशाल शिवलिंग के दर्शन किये . चंडीगढ़ से सीधे हाथ शिमला जाने पर श्रीखण्ड महादेव जी आते हैं पर उलटे हाथ जाने पर रोपड़ नाम का स्थान आता है. जहाँ से श्री जटेश्वर महादेव जी को बस मिलती है. अगर आप अपने वाहन पर हैं तो भी बहां रोपड़ से जाया जा सकता है.

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यात्रा हरि के द्वार हरिद्वार की – भाग १

यात्रा हरि के द्वार हरिद्वार की – भाग १

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हरिद्वार यानि हरि का द्वार, या हरद्वार कहो यानि भोले कि नगरी. हरिद्वार हिन्दुओ का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल, देव भूमि उत्तराखंड का प्रवेश द्वार. माँ गंगा पहाड़ों से उतरकर हरिद्वार में ही मैदानों में प्रवेश करती हैं. इसलिए हरिद्वार का एक नाम गंगा द्वार भी हैं. हरिद्वार कुम्भ कि भी नगरी हैं.

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ब्रज यात्रा – बरसाना गोवर्धन मथुरा वृन्दावन

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निधिवन, यमुना घाट और अन्य मंदिरों के दर्शन के बाद हमने अपने होटल से प्रस्थान किया और चल दिए वापस फरीदाबाद की ओर ! इस बार वृन्दावन आने का आनंद ही कुछ ओर रहा ! हम दिल्ली के आस पास के लोग एक ही दिन में वृन्दावन आना जाना कर लेते हैं, पर मैं समझता हूँ की एक दो रात यहाँ रुके तो बात कुछ ओर ही हो !

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दो धाम की यात्रा – यमुनोत्री और गंगोत्री

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तीसरे दिन हम लोग सुबह 6 बजे सोकर उठ गए अब हमारा अगला लक्ष्य यमुनोत्री पहुँचने का था . बरकोट से जानकी चट्टी की दूरी 41 किलोमीटर है. हमारा कार्य क्रम कुछ इस प्रकार का था की हम लोगों यमुनोत्री दर्शन कर शाम तक पुन बरकोट लौट आये. ताकि अगले दिन हम यहाँ से सीधे गंगोत्री के लिए प्रस्थान कर सके. इन बातो को ध्यान में रखते हुए हमने सुबह सात बजे ही बरकोट से रवानगी कर डाली. बरकोट से निकलते ही रास्ता बहुत ही ख़राब है क्योंकि यहाँ भी सड़क के चौडीकरण का काम चल रहा है. बरकोट से 15 किमी दूर गंगोनी नामक स्थान पर हमने सुबह का नाश्ता कर अपनी यात्रा जारी रखी. बरकोट से जानकी चट्टी का रास्ता बहुत अच्छा नहीं. एक तो रास्ता ख़राब दुसरे चढाई इसलिए समय भी ज्यादा लग रहा था. चारधाम यात्रा के चलते ट्रेफिक भी ज्यादा था. सयाना चट्टी पहुँचने से पहले हमें जाम में भी फँसना पड़ा. लगभग 1 घंटा जाम में हम लोग खड़े रहे. उत्तराखंड पुलिस यहाँ पर भी जाम क्लीअर करने में मुस्तैदी से लगी हुई थी. सयाना चट्टी पार करने के बाद राणा चट्टी नामक जगह आती यहाँ पर भी जाम लगा हुआ था. यहाँ से जैसे तैसे आगे बढे की हनुमान चट्टी में फिर जाम से रूबरू होना पड़ा.   सारे जामों से जूझते हुए लगभग दो बजे के आस पास हम जानकी चट्टी पहुँच गए. जानकी चट्टी यमुनोत्री मंदिर जाने के लिए बसे कैंप है. यहाँ तक बसें, कारें आती है. बरकोट से यमुनोत्री के रास्ते में निम्नलिखित स्थान पड़ते है.

गंगनाणी (15 किमी), कुथूर (3 किमी), पाल गाड (9 किमी), सयानी चट्टी (5 किमी), राणाचट्टी (3 किमी), हुनमानचट्ट (3 किमी), बनास (2 किमी), फूलचट्टी (3 किमी पैदल चढ़ाई), जानकी चट्टी (5 किमी पैदल चढ़ाई), यमुनोत्री

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श्री जटेश्वरमहादेव मंदिर भाग १

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पायलट द्वारा घोषणा थी ” बाहर का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस है, प्लीज़ अपने सेल फ़ोन बंद कर दें ……..” यह केथी पेसेफिक की हांगकांग से दिल्ली वाया बैंकॉक की उड़ान थी. इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे दिल्ली पर विमान धीरे धीरे नीचे आ गया था और इसे जमीन को छूने के बाद तेजी से यह चल रहा था . धीरे धीरे गति कम हु़ई और लोगों ने अपने सेल फोन शुरू कर दिए और सब व्यस्त थे. यह विमान 300 लोगों को दिल्ली ले कर आया था. कुछ मिनटों के बाद दरवाजे खोल दिए और लोग बाहर जाने शुरू हो गए .मुझे कोई जल्दी नहीं थी और मैं थोड़ा इंतजार के बाद अपना बैग ले कर बाहर की और चल पड़ा .

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Excursion to Bhedaghat

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It was April and temperature had risen to 42 degrees in Bandhavgarh. Traveling to Madhya Pradesh at this time meant burning ourselves in scorching sun. But this was the best time to spot “The Tiger” in the wild. The tiger lover in us overpowered our delicate personalities and we decided to visit Bandhavgarh Wild Life sanctuary to see the Royal cat in his natural habitat.

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महालक्ष्मी मंदिर, मुंबई /Mahalakshmi Temple, Mumbai

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पिछली पोस्ट में मैंने आपको बताया था की किस तरह से हम सुबह से महालक्ष्मी मंदिर के दर्शनों के लिए निकले थे और गुडी…

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Motorcycle Diaries. Road to Badrinath…

Motorcycle Diaries. Road to Badrinath…

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Some details on Joshimath. It is a popular hill station and a famous center for pilgrimage at a height of 1,890 meters above sea level in Chamoli district of Garhwal division in Uttarakhand. It is the base for trekking to the famous Valley of Flowers. It is connected with a 4km cable car up to Auli, a hill-station famous for ice skiing sports, making it the longest and highest trolley of Asia. Joshimath is the also the home of the oldest tree of India, Kalpavriksha, which stands here from the time of Adi Guru Shri Shankaracharya, who established this town as one of the four maths or monasteries, in the 8th century.

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दिल्ली दिल वालो की – 1

दिल्ली दिल वालो की – 1

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नगर से निकलते ही जबरदस्त कोहरे ने हमें घेर लिया।मैंने ड्राईवर इरफ़ान से गाड़ी धीरे चलाने के लिए कहा, खतौली पार करते ही जबरदस्त जाम लगा हुआ था,जाम के कारण गाड़ी बुढाना रोड से नहर की पटरी पर ले ली । बहुत ज्यादा कोहरा होने के कारण से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था।गाड़ी धीमी रफ़्तार से चल रही थी। ड्राईवर कहने लगा की गाड़ी में डीजल नहीं हैं। मैंने कहा की सरधना नजदीक हैं वही पर भरवा लेगे, आगे पूरे सरधना में कही भी डीजल नहीं मिला, वापिस नहर की पटरी से मेरठ की और आकर के डीजल मिल पाया। रास्ते में एक बार गाड़ी नीचे नहर में गिरने से बची। खैर दिल्ली पहुँच कर राहत की सांस ली। चाचा जी के लड़के रवि के घर वैशाली पहुंचे, और वंहा से सभी लोग दिल्ली की सैर को चल पड़े।

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