
माता वैषà¥à¤£à¥‹à¤¦à¥‡à¤µà¥€ यातà¥à¤°à¤¾ à¤à¤¾à¤— – ॠ( जमà¥à¤®à¥‚ – JAMMU – २)
रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ मंदिर जमà¥à¤®à¥‚ और कशà¥à¤®à¥€à¤° राजà¥à¤¯ के जमà¥à¤®à¥‚ शहर के मधà¥à¤¯ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। यह मंदिर जमà¥à¤®à¥‚ कि पहचान हैं.यह मनà¥à¤¦à¤¿à¤° आकरà¥à¤·à¤• कलातà¥à¤®à¤•ता का विशिषà¥à¤Ÿ उदाहरण है। रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ मंदिर à¤à¤—वान राम को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ है। यह मंदिर उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ के सबसे पà¥à¤°à¤®à¥à¤– à¤à¤µà¤‚ अनोखे मंदिरों में से à¤à¤• है। इस मंदिर को सनॠ1835 में इसे महाराज गà¥à¤²à¤¾à¤¬ सिंह ने बनवाना शà¥à¤°à¥‚ किया पर निरà¥à¤®à¤¾à¤£ की समापà¥à¤¤à¤¿ राजा रणजीत सिंह के काल में हà¥à¤ˆà¥¤ मंदिर के à¤à¥€à¤¤à¤° की दीवारों पर तीन तरफ से सोने की परत चढ़ी हà¥à¤ˆ है।
इसके अलावा मंदिर के चारों ओर कई मंदिर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है जिनका समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ रामायण काल के देवी-देवताओं से हैं। रघà¥à¤¨à¤¾à¤¥ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में की गई नक़à¥à¤•़ाशी को देख कर परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• à¤à¤• अदà¥à¤à¥à¤¤ समà¥à¤®à¥‹à¤¹à¤¨ में बंध कर मनà¥à¤¤à¥à¤°-मà¥à¤—à¥à¤§ से हो जाते हैं।यह कहा जाता हैं कि मंदिर में तैंतीस करोड देवी देवताओं कि सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ हैं.  मंदिर का मैं केवल बाहर से ही चितà¥à¤° दे पा रहा हूà¤. अंदर के फोटो लेना वरà¥à¤œà¤¿à¤¤ हैं.
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