लगà¤à¤— दो घंटो की पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ के बाद अंततः वो समय आ ही गया जब मे माता जी किी पिंडियो के दरà¥à¤¶à¤¨ करने हेतॠपवितà¥à¤° गà¥à¤«à¤¾ मे पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ कर रहा था. गà¥à¤«à¤¾ की दीवारों से रिसà¥à¤¤à¤¾ हà¥à¤† पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक जल जब आपके शरीर पर पड़ता है तो मानो अंतर-आतà¥à¤®à¤¾ तक को à¤à¥€à¤—ा डालता है और जिस सच की अनà¥à¤à¥à¤‰à¤¤à¤¿ होती है वह तो अतà¥à¤²à¤¨à¥€à¤¯à¤¾ है. धीरे-2 मैं माता किी पिंडियो तक à¤à¥€ पहà¥à¤à¤š गया जिनके दरà¥à¤¶à¤¨ करते ही नेतà¥à¤°à¥‹ मे सà¥à¤•à¥à¤‰à¤¨ और मन को आराम मिल जाता है. à¤à¤¸à¥€ अदà¤à¥à¤¤ शकà¥à¤¤à¤¿ का आचमन मातà¥à¤°à¤¾ ही कà¥à¤› पलों के लिठहमारे मन से ईरà¥à¤·à¥à¤¯à¤¾, राग और दà¥à¤µà¥‡à¤· जैसे दोषो को समापà¥à¤¤ कर देता है और बदन à¤à¤• उनà¥à¤®à¥à¤•à¥à¤¤ पंछी की à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ सà¥à¤– के खà¥à¤²à¥‡ आकाश मे हृदय रूपी पंख फैलाकर हर उस अनà¥à¤à¥‚ति का सà¥à¤µà¤¾à¤—त करने लगता है जिसकी हमने कà¤à¥€ कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ à¤à¥€ नही की थी. मà¥à¤à¥‡ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ à¤à¥€ यह आà¤à¤¾à¤¸ हो रहा था की पवितà¥à¤° गà¥à¤«à¤¾ के पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° पर मेरा चंचल चितà¥à¤¤ कहीं पीछे ही छूट चà¥à¤•ा है और निकास मारà¥à¤— तक पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡-2 वो अब काफ़ी शांत व गंà¤à¥€à¤° हो गया है, लगता है मानो कà¥à¤› पा लिया हो.
माता जी के दरà¥à¤¶à¤¾à¤¨à¥‹ के उपरांत समीप ही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शिव गà¥à¤«à¤¾ मे à¤à¥€ मतà¥à¤¥à¤¾ टेकने और पवितà¥à¤° गà¥à¤«à¤¾ मे बहते अमृत जल का आचमन करने के बाद मैं बहà¥à¤¤ देर तक माता के à¤à¤µà¤¨ को निहारता ही रहा और इसकी सà¥à¤‚दरता à¤à¥€ देखते ही बनती थी, शायद नवरातà¥à¤°à¤¿ के उपलकà¥à¤·à¤¯ मे इसे विशेष रूप से सजाया गया था. यह वो पल थे जब मैने सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को उस गूगे के समानà¥à¤¤à¤° पाया जो मीठे फल का आनंद तो ले सकता है किंतॠचाहकर à¤à¥€ उसका वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ नही कर सकता.
ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ मैने समीप ही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ सागर रतà¥à¤¨à¤¾ मे रातà¥à¤°à¤¿ का डिनà¥à¤¨à¤° करने के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ à¤à¤• दूसरे ढाबे से सà¥à¤œà¥€ का हलवा लिया और à¤à¤• खà¥à¤²à¥‡ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर जाकर माता के à¤à¤µà¤¨ की तरफ मà¥à¤– करके खड़ा हो उसे खाने लगा. यहाठयह ज़रूर बता देना चाहूà¤à¤—ा की मातà¥à¤° रॠ20 का यह हलवा कम से कम रॠ250 के à¤à¥‹à¤œà¤¨ से सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ था जो मैने सागर रतà¥à¤¨à¤¾ मे खाया था. इस वकà¥à¤¤ तक शाम पूरी तरह से घिर आई थी और तेज सरà¥à¤¦ हवाओं का दौर शà¥à¤°à¥‚ हो चà¥à¤•ा था. माता जी का à¤à¤µà¤¨ जग-मग रोशनी मे नहा रहा था और मेरा मन उन तेज हवाओं मे à¤à¥€ यहीं टीके रहने को आतà¥à¤° था और यहाठखड़े-2 मे जलà¥à¤¦à¥€ ही à¤à¤• डोना गरà¥à¤®à¤¾à¤—रà¥à¤® हलवा और à¤à¤• कप कॉफी हजम कर चà¥à¤•ा था.
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