
केदारनाथ यातà¥à¤°à¤¾ 2014 – गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤•ाशी से सोनपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤— – à¤à¤¾à¤— 2
पता चला कि सिरà¥à¤« बà¥à¤²à¤¡ पà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤° की जाà¤à¤š हो रही है। मेरा नंबर आया डॉकà¥à¤Ÿà¤° ने मेरे BP की जाà¤à¤š की तो मशीन ने 110/140 दिखाया। डॉकà¥à¤Ÿà¤° ने कहा इस इसाब से तà¥à¤® आगे यातà¥à¤°à¤¾ पर नहीं जा सकते। मैंने मायूस होकर डॉकà¥à¤Ÿà¤° से बोला इतनी दूर से वापस जाने के लिठनहीं आया हूà¤à¥¤ उसने कहा टेंशन मत ले यार। मैंने फिर से बोला कि अकेले ही डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µ करके आया हूठइतनी दूर कà¥à¤¯à¤¾ यह वजह हो सकती है वो हà¤à¤¸à¤¨à¥‡ लगा बोला तà¥à¤® थोड़ी देर बैठजाओ 30 मिनट बाद फिर से आना। मà¥à¤à¥‡ टेंशन हो गई थी मैं बाहर गया और सà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥‡ पर सà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¾ लगाने लगा। 30 मिनट बाद फिर से मैं जाà¤à¤š के लिठगया तब à¤à¥€ मशीन ने 110/140 ही दिखाया। डॉकà¥à¤Ÿà¤° बोला à¤à¤¾à¤ˆ ये तो गड़बड़ है मैं अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ नहीं दे सकता। आखिर मे डॉकà¥à¤Ÿà¤° ने मेरा शà¥à¤—र की जाà¤à¤š की शà¥à¤—र 135 निकली। शà¥à¤—र ठीक थी। उसने जाà¤à¤š केंदà¥à¤° बंद करने से पहले 6 बार मेरे BP की जाà¤à¤š की थी पर मायूसी के अलावा कà¥à¤› हाथ नहीं लगा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपना सामान समेटा और चल दिà¤à¥¤ डॉकà¥à¤Ÿà¤° के à¤à¤• सहयोगी ने मà¥à¤ से पà¥à¤›à¤¾ गà¥à¤¸à¤¾à¤ˆà¤‚ जी आप तो पहाड़ी ही हो तो ये कà¥à¤¯à¤¾ चकà¥à¤•र है। मैंने बोला मैं तो समय-समय पर रकà¥à¤¤ दान à¤à¥€ करता रहता हूठकà¤à¥€ à¤à¥€ मà¥à¤à¥‡ दिकà¥à¤•त नहीं आई कà¥à¤¯à¥‚à¤à¤•ि रकà¥à¤¤ लेने से पहले à¤à¥€ हमेशा BP की जाà¤à¤š होती है तà¤à¥€ मैंने उसको बोला आज मैंने सà¥à¤¬à¤¹ से सिगरेट बहà¥à¤¤ पी ली है। वो à¤à¤• दम से चौंक कर बोला à¤à¤¾à¤ˆ यही तो दिकà¥à¤•त है यही कारण है कि BP ठीक नहीं है। उसने बोला अब और सिगरेट मत पीना और खाना खाकर सो जाना। मैंने खाना मे दाल, रोटी, सबà¥à¤œà¤¼à¥€, सलाद लिया और अगली सà¥à¤¬à¤¹ पाà¤à¤š बजे का अलारà¥à¤® लगा कर सो गया।
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