
अनà¥à¤¨à¥‚ à¤à¤¾à¤ˆ चला चकराता …पमà¥à¤®…पमà¥à¤®…पमà¥à¤® (à¤à¤¾à¤—- 2 ) रहसà¥à¤¯à¤®à¤ˆ मोइला गà¥à¤«à¤¾
ये सब देखकर हम तो मानो जैसे सà¥à¤•ूल से छà¥à¤Ÿà¥‡, छोटे छोटे बचà¥à¤šà¥‹ की तरह दोड़ते à¤à¤¾à¤—ते , गिरते पड़ते जब उस मंदिर नà¥à¤®à¤¾ ढांचे तक पहà¥à¤šà¥‡ तो à¤à¤• बार को तो उसे देखकर हम तीनो सिहर से उठे। वो à¤à¤• लकड़ी का बना मंदिर ही था पर उसमे न कोई मूरà¥à¤¤à¤¿ न घंटा , हाठउसमें इधर उधर  किसी जानवर के पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ हो चà¥à¤•े  सिंग , कà¥à¤› बरà¥à¤¤à¤¨ से टंगे हà¥à¤ थे और à¤à¤• लड़की का ही बना पà¥à¤¤à¤²à¤¾ दरवाजे से बाहर जो की कोई  दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤ªà¤¾à¤² सा लग रहा था। मन ही मन उस माहोल और जगह को पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® कर अपने साथ लाये मिनरल वाटर की  बोतल से उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जल अरà¥à¤ªà¤£ किया और परिकरà¥à¤®à¤¾ कर बड़े इतà¥à¤®à¤¿à¤¨à¤¾à¤¨ से वहां बैठदूर दूर तक फैली वादियों और शानà¥à¤¤à¤¿ का मजा लेने  लगे। थोड़ी देर बाद सोचा  के चलो ताल में नहाते है फिर कà¥à¤› खा पीकर गà¥à¤«à¤¾à¤“ को ढूंढ़ेगे।
पानी का ताल जो की थोडा और आगे था जलà¥à¤¦à¥€ ही दिखाई दे गया लेकिन वहां पहà¥à¤à¤š कर नहाने का सारा पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® चोपट हो गया। कारण उसमे पानी तो बहà¥à¤¤ था परनà¥à¤¤à¥ à¤à¤• दम मटियाला। सो सिरà¥à¤« उसके साथ फोटो खीच कर ही मन को  समà¤à¤¾ लिया। अब बारी  गà¥à¤«à¤¾ ढूंढने की तो लेकिन वहां चारो और दूर दूर तक कोई गà¥à¤«à¤¾ तो नहीं अपितॠमकेक बंदरो के à¤à¥à¤£à¥à¤¡ घूम रहे थे। जो की हम पर इतनी कृपा कर  देते थे की हम जिस दिशा में जाते वो वहां से दूर à¤à¤¾à¤— जाते थे। हम तीनो काफी देर अलग अलग होकर  ढूंढते  रहे पर हमें तो कोई गà¥à¤«à¤¾ नहीं दिखी सिरà¥à¤« शà¥à¤°à¥‚ में आते हà¥à¤ à¤à¤• छोटा सा गडà¥à¤¢à¤¾ नà¥à¤®à¤¾ दिखाई दिया  था।
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