Parli Vaidyanath / परली वैदà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤²à¤¿à¤‚ग दरà¥à¤¶à¤¨
हम जब à¤à¥€ धारà¥à¤®à¤¿à¤• यातà¥à¤°à¤¾ पर जाते हैं तो हमारी हमेशा यही कोशिश रहती है की विशà¥à¤°à¤¾à¤® सà¥à¤¥à¤² मंदिर के जितना हो सके करीब हो, ताकि अपने पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸ के दौरान हमारा जितनी बार मन करे उतनी बार हम à¤à¤—वानॠके दरà¥à¤¶à¤¨ कर पायें, साथ ही साथ मन में यह संतà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ à¤à¥€ होती है की हम मंदिर के करीब रह रहे हैं, और हम मंदिर की सारी गतिविधियाठदेख पाते हैं.
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