Weekend-Delhi

Kasauli Chalein !!!!

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We ended our first day at the Gilbert’s Trail and headed towards our hotel. Though our hotel was a little away from the main town, but it had lovely location and views. We spent some quality time walking on the pathway leading to the main road, we did countless round of walking but none of us felt anything called tiredness, and at the passageway we made some moments which will be cherished throughout our lives.

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पार्वती घाटी (कुल्लू) में एकल (solo) घुमक्कड़ी — तोष, कसोल और छलाल

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कसोल से लगभग दो किलोमीटर दूर छलाल गांव तक इस पुल को पार करने के बाद केवल पैदल ही जाया जा सकता है. छलाल गांव में जाने वाला रास्ता पार्वती नदी के किनारे है. रास्ते के एक ओर पार्वती नदी के जल का मधुर स्वर पूरे रास्ते आपके कानों से टकराता रहता है. और दूसरी ओर ऊँचे पर्वत इस मार्ग को मनोहारी बना देते है. देवदार के घने वृक्षों से होकर छलाल गांव तक की पदयात्रा का अनुभव अपने आप में अनूठा है.
छलाल गांव में पहुँचने पर शाम हो चुकी थी. रात्रि विश्राम के लिए छलाल में रूककर अगले दिन आगे की यात्रा का निर्णय लिया.

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मेरी जैसलमेर यात्रा , यूथ हॉस्टल एसोसिएशन फॅमिली कैम्पिंग

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तनोट से 52 किमी दूर लोंगेवाला जाने का सौभाग्य मिला जिसका सर्वश्रेष्ठ फिल्मांकन “बॉर्डर” सिनेमा में देखा था
ये वही जगह है जहा मात्र 120 सैनिको के पाकिस्तान के 2000 की फ़ौज और 100 से अधिक टैंक को सारी रात रोका और फ़ौज को जैसलमेर तक पहुचने से रोका था,यहाँ उन वीरो का स्मारक भी बना है और जब्त किये पाक टैंक भी…देशभक्ति से दिल भर गया यहाँ आकर…उन वीरो को श्रद्धांजलि अर्पित कर वही साथ मिले लंच पैकेट से लंच कर हम लोग वापस कैंप में लौट आये.

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पार्वती घाटी (कुल्लू) में एकल (solo) घुमक्कड़ी — खीर गंगा से वापसी

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नकथान में ग्रामवासियों को दैनिक जीवन के क्रिया कलापों को करते देखा जा सकता है. अपने आस-पास उपलब्ध दैनिक जीवन के सीमित सुविधा, संसाधनों से संतुष्ट यहाँ के लोग जीवन को वास्तविक रूप में जीते हैं. झरनों का बहता स्वच्छ-शुद्ध जल, पहाड़ों से होकर आती शीतल सुगन्धित वायु, पहाड़ों के बीच बहती पार्वती नदी, छोटे-छोटे खेत और बागों में उगने वाले फल, सब्जी और अन्न और साथ में रहने वाले सहयोगी पशु. जीवन को वास्तविक रूप में जीने के लिए बस इतना ही चाहिए इसके अतिरिक्त बाकी सब जीवन को और अधिक सुविधा-संपन्न बनाने की कभी न ख़त्म होने वाली लालसा ही है.

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Lucknow – City of Tahzeeb and Nazakat

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Aminabad is a huge market for embroidered chickan clothes, a specialty of Lucknow. The famous ‘Tunde ke Kabab’ is also located here. Some other interesting food items (dishes) which are famous in lucknow are Rahim-ke-kulche nihari, Bismillah-ki-biryani, Radhey-ki malai gilori and lassi, Raja-ki-thandai, Sharma-ki-chaat.

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पार्वती घाटी (कुल्लू) में एकल (solo) घुमक्कड़ी — खीर गंगा

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खीर गंगा का प्रमुख आकर्षण यहाँ बना हुआ प्राकृतिक गर्म पानी का कुंड “पार्वती कुंड” है. प्राचीन मान्यता के अनुसार खीर गंगा में प्राचीन समय में खीर बहती थी जो पहाड़ों के बीच से होकर पार्वती कुंड में गिरती थी. वर्तमान में भी पार्वती कुंड के पानी का रंग सफ़ेद है और खीर की मलाई जैसे छोटे-छोटे कतरे पार्वती कुंड के पानी में देखे जा सकते है. इसी कारण से इसका नाम खीर गंगा पड़ा. पार्वती कुंड में नहाने से पहले कुंड की पवित्रता बनाये रखने के लिए कुंड के बाहर गिरते पानी में नहाना आवश्यक है.

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Delhi to Bhimtal by road, all routes explained

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Avoid early morning drives during full-moon days since Garh Mukhteshwar sees a lot of pilgrims. Karthik Purnima is biggest. There would be three Toll points, most of them decently managed. Pilakhua is a great place for a 30 minute shopping break for towels, bed-sheets, pillow-covers. Just shy of Garh Muketshwar, you can buy all the moodhas (functional ones as well as decorative/toy ones) you always wanted. Bargain hard.

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हरिद्वार से यमनोत्री

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मंदिर पहुँच कर  गर्म कुंड मे स्नान किया. यहाँ पर काफ़ी भीड़ थी. पर स्नान मे कोई दिक्कत नही हुई. कुंड का  जल ज़्यादा गर्म ना हो इसलिए ठंडे पानी की  पतली धार कुंड मे गिर रही थी. और यह ज़रूरी भी था क्योकि इस कुंड से उपर दिव्य शिला पर जो कुंड है उसमे तो इतना गर्म पानी है कि सभी लोग पूजा के चावल उसमे पकाते है. जैसा कि  मैने पढ़ा था की दर्शन से पहले मंदिर के बाहर दिव्या शिला का पूजन करते है उसके बाद दर्शन के लिए जाते है. गर्म कुंड मे स्नान कर के कपड़े बदल ही रहा था कि  तभी पंडा लोग आ कर पूजा करने का आग्रह करने लगे. पूजा तो करनी ही थी मैने पूजा से पहले  पंडा से पूछ  लिया की कितने पैसे लोगे पर सभी कह रहे थे आप अपनी श्रधा  से दे देना. कई लोगो ने डरा दिया था की यहाँ पंडा लोग बहुत पैसे  ले लेते है. इसलिए मैने पहले ठहरा लेना उचित समझा. जब वह श्रधा  की बात करने लगे तो मैने कहा 201 रुपये दूँगा. वह बोले ठीक है अब हम अपने परिवार के साथ उनके  मंदिर के पास बने प्लेटफोर्म पर पहुचे. यहाँ पर बहुत सारे लोगो को पंडा लोग पूजा करवा रहे थे एक जगह बैठा कर पूजा करनी शुरू की. मै  समझा करता था कि   कोई शिला  होगी पर शिला तो कोई नज़र नही आई तब मैने पंडा जी से पूछा तो उन्होने बताया की जिस स्थान पर बैठे है यही दिव्या शिला है. पूजा के बाद पंडा जी ने कहा, अब आप लोग माँ  यमुना जी के दर्शन कर लो जब तक आपके चावल भी पक जाएँग. यमञोत्री मे प्रसाद  के रूप मे चावल गर्म कुंड मे पका कर यात्री ले जाते है. मंदिर मे ज़्यादा भीड़ नही थी माँ यमुना की मूर्ति काले पत्थर की  बनी है उनके साथ माँ  गंगा की भी मूर्ति स्थापित है. दर्शन कर  के बाहर आया तब तक पंडा गर्म कुंड मे पके हुए चावल की पोटली ले कर आ गये. मैने कही पढ़ा था की यहाँ एक ऋषि रहते थे जो रोज गंगा नहाने पहाड़ पार कर के गंगोत्री जाते थे जब वह काफ़ी उम्र  के हो गये और पहाड़ पार  कर जाना संभव नही हुआ तब माँ  गंगा से उन्होने प्राथना की तब गंगा वही प्रकट हो गई . कहते है यहाँ यमनोत्री मे एक धारा गंगा की भी  बहती है. मैने जब इस बारे मे पंडा जी से पूछा तब उन्होने अनभीग्यता प्रकट की. अब मैने सोचा की यहाँ तक आए है तो यमुना जी का जल तो ले चलना चाहिए. मंदिर के साथ से ही यमुना जी बह रही है. 1-2 लोग वहाँ पर जल ले रहे थे मैने भी एक बोतल मे जल भरा,  पत्नी और बच्चो को भी बुला कर यमुना जी के दर्शन कराए. एक तरह से यहाँ पर यमुना जी पहले दर्शन होते है. यमुना जी का जल एक दम स्वच्छ  पारदर्शी है और पीने मे बहुत अच्छा लगा यही जल दिल्ली पहुच कर किस अवस्था मे हम कर देते है यह तो दिल्ली वाले ही जानते है. जल इतना ठंडा था कि   बड़ी मुश्किल से बोतल मे भर पाया.

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पार्वती घाटी (कुल्लू) में एकल (solo) घुमक्कड़ी — मणिकर्ण

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गुरुद्वारा श्री मणिकर्ण साहिब के अतिरिक्त यह स्थान अपने गर्म पानी के स्रोतों के लिए भी प्रसिद्ध है. खौलते पानी के स्रोत मणिकर्ण का सबसे अचरज भरा और विशिष्ट आकर्षण हैं. इन स्रोतों के गंधकयुक्त गर्म पानी में कुछ दिन स्नान करने से चर्म रोग या गठिया जैसे रोगों में विशेष लाभ मिलता है. इस पानी में गंधक के कारण अधिक देर तक नहाने से चक्कर भी आ सकते हैं. इन्हीं स्रोतों के गर्म पानी का उपयोग गुरुद्वारे के लंगर के लिए चाय बनाने, दाल व चावल पकाने के लिए किया जाता है. गर्म पानी के इन स्रोतों में पानी के तापमान का अनुमान नीचे दिया गए विडियो से लगाया जा सकता है.

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Road Travel Reminiscences – Delhi to Ajmer via Jaipur

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So, we moved ahead and found the third jewel of this marvelous city, i.e., Hawa Mahal. Standing tall and illuminated, this Mahal had seen off the day of crowded markets and polluted vehicles. The Hawa Mahal told me… “O Traveller! I was built for providing cool air and shelter. My structure was befitting the queens. Pollution is that I am smoking everyday and night, days after days, years after years and generations after generations.” I consoled him in my mind and said “O worthy Palace! Soils made you and soils you would become….The respect you get is the respect you deserve. Stand tall till your strength permits”.

After meeting with the three jewels of this great city, we drove ahead towards the new township. The Janpath of Jaipur leads to the mighty building of the Rajasthan Legislative Assembly, the seat of power in democracy. It was almost 11 pm and we had to take rest for the journey next day. Still, I stopped in the middle of the Janpath. The building was trying to say something. It told me… “O Travellor! I am the power today. Don’t you agree? Or, dare not disagree.” I smiled in my mind and replied “O worthy building! Come to me after 150 years. I will see you with pride and anoint you with my tears, if your power still remained intact”.

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घुमक्कड़ की दिल्ली : राष्ट्रीय रेल संग्रहालय (National Rail Museum, New Delhi)

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सन 1907 में निर्मित एक अनोखा मोनोरेल इंजन (Patiala State Monorail System). इस Monorail System की विशेषता है कि इसका एक पहिया पटरी पर और दूसरा (आकर में बड़ा) पहिया सड़क पर चलता है. दूर से देखने पर यह एक पहिये वाली ट्रैन दिखायी देती है.

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