Religious

Dhuandhar Fall and Bhedaghat

Dhuandhar Fall and Bhedaghat

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अमरकंटक से निकलती नर्मदा नदी जब भेड़ाघाट तक आती है तो उसका यौवन अपने उफान पर होता है। हालांकि ना ही ये किसी किस्म के आक्रोश की गर्जन है और ना ही किसी दर्प का प्रर्दशन, लेकिन एक स्वाभाविक आवेग जब क्रीड़ा करने पर उतारु हो तो उसका प्रतिलक्षण शायद इतना ही विहंगम होगा। जी हां धुआंधार प्रपात को भारत के नियाग्रा प्रपात की संज्ञा दी जाती है और इसका अहसास इस जगह पर आकर ही किया जा सकता है। नर्मदा की लहरों का शोर, उस तेज बहाव के चट्टानों पर टकराने से उठती धुंध और उसकी वजह से बनता एक रहस्मयी आवरण, पल भर में ही आपको सम्मोहित कर देगा।

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यात्रा बद्रीनाथ धाम की

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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब गंगा नदी धरती पर अवतरित हुई, तो यह 12 धाराओं में बंट गई। इस स्थान पर मौजूद धारा अलकनंदा के नाम से विख्यात हुई और यह स्थान बद्रीनाथ, भगवान विष्णु का वास बना। भगवान विष्णु की प्रतिमा वाला वर्तमान मंदिर 3,133 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और माना जाता है कि आदि शंकराचार्य, आठवीं शताब्दी के दार्शनिक संत ने इसका निर्माण कराया था। इसके पश्चिम में 27 किमी की दूरी पर स्थित बद्रीनाथ शिखर कि ऊँचाई 7,138 मीटर है। बद्रीनाथ में एक मंदिर है, जिसमें बद्रीनाथ या विष्णु की वेदी है।

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माँ सुरकंडा देवी और धनौल्टी की यात्रा

माँ सुरकंडा देवी और धनौल्टी की यात्रा

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इस स्थान से आगे निकलते ही घने बुरांश के और देव दार के जंगल शुरू हो जाते हैं. और गढ़वाल की ऊँची चोटियों के भी दर्शन हो सकते थे पर उस ओर कोहरा छाया हुआ था. यह क्षेत्र बुरांशखंडा के नाम से भी मशहूर हैं. बुरांश के पेड़ यंहा पर बहुतायत पाए जाते हैं. बुरांश का फूल उत्तराखंड का राजकीय फूल हैं. इससे जैम, जैली, शरबत, व विभिन्न आयुर्वेदिक दवाए बनायी जाती हैं. इन दिनों उत्तरखंड की पहाडिया इन फूलो से भरी रहती हैं.

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बैशाखी नगर कीर्तन

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पंजाबी दुनिया के हर हिस्से में बसते हैं. भारत के बाद कैनेडा ऐसा देश है जहाँ बहुगिनती पंजाबी रहते हैं. इनकी खास बात है यह अपनी अलग पहचान, रीती रिवाज और धर्म कायम रखते हैं. बैशाखी खालसा पंथ की स्थापना के रूप में मनाया जाता हैं.

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Summer Vacation – a wonderful run through NH-2 from the Ghats of Varanasi to Home – Part II

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I went to check whether they washed the car or not, as promised yesterday. The outer body of the car looks like we just finished, sorry ‘Won’ the cross-country rally…several layers of dust all around the body and required a considerable amount of time and efforts to bring it back to its’ original colour. The security guard was of immense help and cleaned the car within next half an hour.

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Heart of Kolkata – Experiencing the Rich Heritage

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Kolkata(originally known as Calcutta), capital of the Indian state of West Bengal, former capital of India, is one of the 6 metros of India. Also known as the cultural capital of India, sometimes city of joy, city of festivals, Calcutta as a city still depicts as a true cultural, political, festive and an antique city in India. Almost 300 years old, Calcutta has really grown with ages and diversities, and is currently trying to compete head to head with other metros in India in terms of development too.

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अनजान सफ़र :  गंगोत्री – श्रीनगर – पौड़ी – यात्रा का समापन

अनजान सफ़र : गंगोत्री – श्रीनगर – पौड़ी – यात्रा का समापन

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“मंदिर का निर्माण एक पवित्र शिला पर हुआ है जहां परंपरागत रूप से राजा भागीरथ, महादेव की पूजा किया करते थे। यह वर्गाकार एवं छोटा भवन 12 फीट ऊंचा है जो शीर्ष पर गोलाकार है जैसा कि पहाड़ियों के मंदिरों में सामान्यतः रहता है। यह बिल्कुल समतल, लाल धुमाव के साथ सफेद रंग का है जिसके ऊपर खरबूजे की शक्ल का एक तुर्की टोपी की तरह शीखर रखा है।

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SRISAILAM – ABODE OF LORD MALLIKARJUN SWAMI AND BHRAMARAMBA DEVI: Part 1

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During this gap of six months, despite I did remain a Ghumakkar, at least some 15 times visiting New Delhi, 7-8 times – Lucknow, 3-4 times – Trivandrum, 2 times to Mumbai and further once upto Shirdi & Triambakeshwar and once upto Bhimashanker and also once to Goa (Personal & Official tours all inclusive), I could not share those here not for want of time or I was very much busy.

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अनजान सफ़र : उत्तरकाशी – गंगोत्री – गौमुख

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गंगोत्री हिंदुओं के पावन चार धामों मे से एक है इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व सभी को आलौकिक करता है धार्मिक संदर्भ के अनुसार राजा सगर ने देवलोक पर विजय प्राप्त करने के लिये एक यज्ञ किया यज्ञ का घोडा़ इंद्र ने चुरा लिया राजा सगर के सारे पुत्र घोड़े की खोज में निकल पडे.

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हरि का द्वार हरिद्वार – भाग २..

हरि का द्वार हरिद्वार – भाग २..

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ऋषिकेश हरिद्वार से करीब २५ किलोमीटर दूर हैं. इसको हिमालय का प्रवेशद्वार भी कहा जाता है. ऋषिकेश हिन्दुओ के सबसे पवित्र स्थलों में से एक हैं. ऋषिकेश को केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री आदि का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है. यह कहा जाता हैं कि यंहा पर भगवान विष्णु ऋषिकेश अवतार में प्रकट हुए थे. इसलिए इस स्थान का नाम ऋषिकेश हैं. वैसे तो ऋषिकेश में सैकड़ो मंदिर आश्रम हैं, पर समय अभाव के कारण में कुछ ही मंदिरों और आश्रमो में जा सका.

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