
Dhuandhar Fall and Bhedaghat
अमरकंटक से निकलती नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ नदी जब à¤à¥‡à¤¡à¤¼à¤¾à¤˜à¤¾à¤Ÿ तक आती है तो उसका यौवन अपने उफान पर होता है। हालांकि ना ही ये किसी किसà¥à¤® के आकà¥à¤°à¥‹à¤¶ की गरà¥à¤œà¤¨ है और ना ही किसी दरà¥à¤ª का पà¥à¤°à¤°à¥à¤¦à¤¶à¤¨, लेकिन à¤à¤• सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• आवेग जब कà¥à¤°à¥€à¤¡à¤¼à¤¾ करने पर उतारॠहो तो उसका पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤²à¤•à¥à¤·à¤£ शायद इतना ही विहंगम होगा। जी हां धà¥à¤†à¤‚धार पà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¤ को à¤à¤¾à¤°à¤¤ के नियागà¥à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¤ की संजà¥à¤žà¤¾ दी जाती है और इसका अहसास इस जगह पर आकर ही किया जा सकता है। नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ की लहरों का शोर, उस तेज बहाव के चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर टकराने से उठती धà¥à¤‚ध और उसकी वजह से बनता à¤à¤• रहसà¥à¤®à¤¯à¥€ आवरण, पल à¤à¤° में ही आपको समà¥à¤®à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ कर देगा।
Read More