अनजान सफ़र :  गंगोत्री – श्रीनगर – पौड़ी – यात्रा का समापन

अनजान सफ़र : गंगोत्री – श्रीनगर – पौड़ी – यात्रा का समापन

By

“मंदिर का निर्माण एक पवित्र शिला पर हुआ है जहां परंपरागत रूप से राजा भागीरथ, महादेव की पूजा किया करते थे। यह वर्गाकार एवं छोटा भवन 12 फीट ऊंचा है जो शीर्ष पर गोलाकार है जैसा कि पहाड़ियों के मंदिरों में सामान्यतः रहता है। यह बिल्कुल समतल, लाल धुमाव के साथ सफेद रंग का है जिसके ऊपर खरबूजे की शक्ल का एक तुर्की टोपी की तरह शीखर रखा है।

Read More

अनजान सफ़र : उत्तरकाशी – गंगोत्री – गौमुख

By

गंगोत्री हिंदुओं के पावन चार धामों मे से एक है इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व सभी को आलौकिक करता है धार्मिक संदर्भ के अनुसार राजा सगर ने देवलोक पर विजय प्राप्त करने के लिये एक यज्ञ किया यज्ञ का घोडा़ इंद्र ने चुरा लिया राजा सगर के सारे पुत्र घोड़े की खोज में निकल पडे.

Read More

अनजान सफ़र : दिल्ली – यमुनोत्री – उत्तरकाशी

By

जानकारी मिली की पहले यमनोत्री जाओ फिर गंगोत्री फिर बद्रीनाथ और केदारनाथ. श्याम को वो सज्जन भी आ गए जो मसूरी से पैसे लाये थे, अच्छा ये बता दूँ की उत्तराखंड मे बसे तडके निकाल पड़ती है कियु की रूट लम्बा होता है, पता चला की सुबह ३.३० बजे की  बस है यमनोत्री की, और अभी टिकिट खिड़की बंद हो गयी है और सुबहे ३.०० बजे खुलेगी, अब रात काटने के लिए एक होटल मे १५० रूपए  मे कमरा लिया और सुबहे २.३० बजे सो कर उठा, फटाफट मुह हाथ धो कर सीधे बस अड्डे पंहुचा, यात्रा का समय होने के कारण बहुत भीड़ थी पता चला की यमनोत्री की बस पूरी फुल है पैर रखने की भी जगह नहीं है, तो सोच मे पड़ गया की क्या करू अगर ये बस छूट गयी तो फिर टाइम से यमनोत्री नहीं पहुच पाउँगा  (आप को ये बताना जरूरी है की मैं गढ़वाल से तो हूँ पर पौड़ी गढ़वाल से, और मुझे टिहरी और चमोली गढ़वाल के बारे मे कुछ भी नहीं पता नहीं है.)

Read More