
आमेर दà¥à¤°à¥à¤— : चल खà¥à¤¸à¤°à¥‹ घर आपने….
राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ विà¤à¤¾à¤— की तरफ से यहाठआपको सपेरे, शहनाई वादक और सारंगी वादक बजाने वाले, कई लोक कलाकार अपनी कला का पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ करते à¤à¥€ मिल जायेंगे, हालांकि पहली नज़र में आपको à¤à¤¸à¤¾ लग सकता है, कि यह सब परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों के मनोरंजन और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करने के लिये है, और इस से राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की संसà¥à¤•ृति à¤à¤²à¤•ती है, लेकिन यदि आप जरा गौर से सोचें तो आपको इसके पीछे की सोच और मानसिकता पर हैरानी ही होगी | मेरी अपनी समठसे, इस सबका कà¥à¤² मनोरथ यहाठआने वाले उन यूरोपियन परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों के दिलों में बसी हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ की उस छवि को पà¥à¤–à¥à¤¤à¤¾ à¤à¤° करने से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ और कà¥à¤› नही है, जिसके वशीà¤à¥‚त वो आज à¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ को सपेरों, जादूगरों और मदारियों का देश ही समà¤à¤¤à¥‡ हैं, उनकी इन मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ और पूरà¥à¤µà¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ को सच साबित करने के लिये ही, à¤à¤¸à¥‡ कलाकार यहाठबैठाये जाते हैं, जिनके साथ आप फोटो खिचà¤à¤µà¤¾ कर जब वापिस अपने देश पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥‡ हैं तो वहाठके समाज को à¤à¤¸à¥‡ चितà¥à¤° दिखा कर साबित कर सकते हैं कि वासà¥à¤¤à¤µ में ही à¤à¤¾à¤°à¤¤ आज à¤à¥€ उस दौर में ही है, जैसा कà¤à¥€ हमारे पूरà¥à¤µà¤œ छोड़ कर आये थे ! इन सबके अलावा, इस दà¥à¤°à¥à¤— में ही अलग-अलग दिशायों में खà¥à¤²à¤¨à¥‡ वाले पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‹à¤‚ में से तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥‹à¤²à¤¿à¤¯à¤¾ दरवाज़ा सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है, कà¥à¤¯à¥‚ंकि यहाठसे तीन जगहों के लिये रासà¥à¤¤à¤¾ निकलता है, जिनमे से à¤à¤• रासà¥à¤¤à¤¾ आमेर शहर की तरफ à¤à¥€ है |
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