
पंचवटी की यातà¥à¤°à¤¾ – à¤à¤¾à¤— १
नारोशंकर मंदिर की छत अपने आप में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¤à¥à¤¯-कला के लिठपà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है. काफ़ी विदेशी परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• इस मंदिर की छत का अधà¥à¤§à¤¯à¤¨ करने आते हैं. चटà¥à¤Ÿà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के नकà¥à¤•ाशीदार टà¥à¤•ड़े सिरà¥à¤« उन टà¥à¤•ड़ों पर बने खांच में लग कर अà¤à¥€ तक खड़े है. मंदिर के अनà¥à¤¦à¤° के सà¤à¤¾ मंडप में à¤à¤• नंदी और à¤à¤• कछà¥à¤ की मूरà¥à¤¤à¤¿ है. कछà¥à¤ की मूरà¥à¤¤à¤¿ तो जमीन के सतह पर ही अंकित है. कà¥à¤› à¤à¤¸à¤¾-ही तà¥à¤°à¥ˆà¤®à¥à¤¬à¤•ेशà¥à¤µà¤° मंदिर में à¤à¥€ देखने को मिलता है. मंदिर के बाहर के पà¥à¤°à¤¾à¤‚गन में à¤à¥€ कई कलातà¥à¤®à¤• आकृतियाठहैं, जैसे की काल-सरà¥à¤ª की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾. नारोशंकर मंदिर में कà¥à¤› समय बिताने के बाद हमलोग फिर से राम-तीरà¥à¤¥ की तरफ बढ़े.
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