इधर पिछà¥à¤²à¥‡ कई सालों से मेरी पतà¥à¤¨à¥€ मेरे साथ अमरनाथ यातà¥à¤°à¤¾ पर जाने के लिये कह रही थी लेकिन बचà¥à¤šà¥‡ छोटे होने के कारण कà¤à¥€ जा नहीं पाई थी। बचà¥à¤šà¥‡ तो अà¤à¥€ à¤à¥€ छोटे ही थे और मेरी छोटी बिटिया उस समय सिरà¥à¤«à¤¼ चार साल की ही थी। मेरी पतà¥à¤¨à¥€ मà¥à¤à¥‡ इस वरà¥à¤· अकेला जाते देख मेरे साथ चलने की जिदà¥à¤¦ करने लगी, लेकिन मेरी पतà¥à¤¨à¥€ के मेरे साथ अमरनाथ यातà¥à¤°à¤¾ पर जाने में कà¥à¤› दिकà¥à¤•तें थी। पहली, आज तक बचà¥à¤šà¥‡ कà¤à¥€ à¤à¥€,कहीं à¤à¥€ मेरी पतà¥à¤¨à¥€ से अलग, अकेले नहीं रà¥à¤•े थे और दà¥à¤¸à¤°à¥€, हमारा उनके सà¥à¤•ूल खà¥à¤²à¤¨à¥‡ से पहले लौटना à¤à¥€ जरà¥à¤°à¥€ था। इसके अलावा à¤à¤• दिक़à¥à¤•़त मà¥à¤à¥‡ थीà¥à¥¤
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