शाम के छः बज रहे थे और हमारा महिलावरà¥à¤— ’सोलह सिंगार’ करके उदयपà¥à¤° à¤à¥à¤°à¤®à¤£ के लिये पूरी तरह तैयार था। रिसेपà¥à¤¶à¤¨ से इंटरकॉम पर संदेश आया कि डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° महोदय आ गये हैं और हम नीचे आ जायें। हम सब अपनी इंडिका टैकà¥à¤¸à¥€ में लद कर घूमने चल पड़े! टैकà¥à¤¸à¥€ से सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ à¤à¥à¤°à¤®à¤£ में मà¥à¤à¥‡ à¤à¤• दिकà¥à¤•त अनà¥à¤à¤µ होती है और वह ये कि हम जिस शहर में घूम रहे होते हैं, उसके à¤à¥‚गोल से काफी कà¥à¤› अपरिचित ही रह जाते हैं। किसी शहर को ठीक से समà¤à¤¨à¤¾ हो तो सà¥à¤Ÿà¥€à¤¯à¤°à¤¿à¤‚ग आपके हाथ में होना चाहिये तब आपको किसी सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का à¤à¥‚गोल समठमें आता है। अगर कहीं से मोटरसाइकिल या सà¥à¤•ूटर किराये पर मिल सके तो घूमने का सबसे बढ़िया और मजेदार तरीका वही है। परनà¥à¤¤à¥ हमने तो पांच दिनों के लिये टैकà¥à¤¸à¥€ कर ली थी और मेरी पतà¥à¤¨à¥€ सहित सà¤à¥€ सहयातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤•ता सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤£ यातà¥à¤°à¤¾ थी जिसमें कार के शीशे बनà¥à¤¦ करके वातानà¥à¤•ूलित हवा खाना सबसे महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ था। à¤à¤¸à¥‡ में मैने तो हल ये निकाला था कि जहां à¤à¥€ मौका लगे, अकेले ही पैदल घूमने निकल पड़ो! घरवाले अगर होटल में आराम फरमाना चाहते हैं तो उनको होटल में ही रहने दो, अकेले ही घूमो मगर घूमो अवशà¥à¤¯ । असà¥à¤¤à¥!
पता नहीं, किधर – किधर को घà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥‡ फिराते हà¥à¤, और उदयपà¥à¤° की शान में कसीदे पढ़ते हà¥à¤ हमारे टैकà¥à¤¸à¥€ चालक हसीन महोदय ने जब टैकà¥à¤¸à¥€ रोकी तो पता चला कि हम सहेलियों की बाड़ी पर आ पहà¥à¤‚चे हैं। हसीन ने अपने यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिये गाइड के रूप में सेवायें पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करना अपना पावन करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ मान लिया था अतः सहेलियों की बाड़ी के बारे में हमें बताया कि ये फतेह सागर लेक के किनारे पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤• आमोद गृह है जहां महारानी अपनी 48 सखियों के साथ जल विहार और किलà¥à¤²à¥‹à¤² किया करती थीं । आज कल जैसे पति लोग अपनी पतà¥à¤¨à¥€ को à¤à¤• मीडिया फोन लाकर दे दिया करते हैं ताकि वह वीडियो गेम खेलती रहे और पति à¤à¥€ सà¥à¤•ून और शांति à¤à¤°à¥‡ कà¥à¤› पल घर में गà¥à¤œà¤¼à¤¾à¤° सके, कà¥à¤›-कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ ही 18 वीं शताबà¥à¤¦à¥€ में उदयपà¥à¤° के महाराणा संगà¥à¤°à¤¾à¤® सिंह ने अपने घर को संगà¥à¤°à¤¾à¤® से बचाने के लिये अपनी महारानी और उनके साथ दहेज में आई हà¥à¤ˆ 48 यà¥à¤µà¤¾ परिचारिकाओं के मनोरंजन के लिये सहेलियों की बाड़ी बनवा कर दे दी थी। यह à¤à¤• विशाल बाग है जिसमें खूबसूरत फवà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ लगे हà¥à¤ हैं । फतेह सागर लेक इसकी जलापूरà¥à¤¤à¤¿ करती है। हम जब यहां पर पहà¥à¤‚चे तो सूरà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤¤ हो चà¥à¤•ा था। बाग में कृतà¥à¤°à¤¿à¤® पà¥à¤°à¤•ाश में हमें सहेलियों की बाड़ी का बहà¥à¤¤ विसà¥à¤¤à¤¾à¤° से अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करने का मौका तो नहीं मिला पर कà¥à¤› बड़े खूबसूरत से फवà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ वहां चल रहे थे जिनके बारे में विशà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤ सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ से यानि विकीपीडिया से जà¥à¤žà¤¾à¤¤ हà¥à¤† है कि ये फवà¥à¤µà¤¾à¤°à¥‡ rain dance का आà¤à¤¾à¤¸ देने के लिये बाद में महाराणा à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² सिंह ने इंगà¥à¤²à¥ˆà¤‚ड से मंगवाये और यहां पर लगवाये थे।
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