हिमाचल डायरी : दो पल के जीवन से… (Sirmour सिरमौर – à¤à¤¾à¤— 1)
कांगो जोहड़ी में ही मà¥à¤–à¥à¤¯ सड़क से लगà¤à¤— चार किमी नीचे की उतराई पर कैंप रोंकà¥à¤¸ हमारी मंजिल है | हमे रासà¥à¤¤à¤¾ दिखाने रिसोरà¥à¤Ÿ की तरफ से अपनी इनोवा गाड़ी लेकर सौरठ( इस कैमà¥à¤ª के मालिक का बेटा} आया है और अब हमे इस कचà¥à¤šà¥€ और पथरीली सडक पर बिना किसी सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ व वाले रासà¥à¤¤à¥‡ पर जाना है | इस सडक पर गाड़ी बढ़ाते ही लैंसडाउन के हिल वà¥à¤¯à¥‚ शांति राज रिसोरà¥à¤Ÿ की याद ताजा हो आई | बिलकà¥à¤² वैसी ही सड़क मगर रासà¥à¤¤à¤¾ उससे à¤à¥€ à¤à¤• किमी और जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लमà¥à¤¬à¤¾, ऊपर से बारिश और गाड़ियों की लगातार आवाजाही के कारण बीच बीच में पानी के पोखर से बन गठहैं जिनमे से गà¥à¤œà¤°à¤¤à¥‡ डर लगता है कहीं आप की गाड़ी का पहिया न फà¤à¤¸ जाये, मगर इसके सिवा कोई और चारा à¤à¥€ तो नही | नासà¥à¤¤à¤¿à¤• पता नही कैसे इन लमà¥à¤¹à¥‹à¤‚ से पार पाते होंगे, मगर हम तो राम राम और वाहेगà¥à¤°à¥ वाहेगà¥à¤°à¥ करते और फिर से à¤à¤• बार ये सोचते हà¥à¤¯à¥‡ कि  इस बार तो यहाठआ गठअगली बार किसी à¤à¤¸à¥€ जगह नही आना, पिछले कà¥à¤› सालों से इसी तरह से अपने डर पर काबू पाते आ रहें है | रिसोरà¥à¤Ÿ की इनोवा आगे आगे चल रही है और पीछे पीछे हम मगर अà¤à¥€ तक तो रिसोरà¥à¤Ÿ का नामो निशाठही नही | मगर फिर दूर नीचे घाटी में पानी की कà¥à¤› टà¤à¤•ियां नजर आती है तो मन में आशा की à¤à¤• नई लहर का संचार होता है जब इतना पहà¥à¤à¤š गठतो वहाठà¤à¥€ पहà¥à¤à¤š ही जायेंगे और फिर हमसे आगे तो इनोवा है | हालांकि पà¥à¤°à¤•ृति वही है और पà¥à¤°à¤•ृति के नजारे à¤à¥€, मगर अब जलà¥à¤¦à¥€ पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ की हसरत में इसे à¤à¥‹à¤—ने का कोई इरादा नही, अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ आप कहीं à¤à¥€ अपनी गाड़ी रोक कर यहाठघंटो गà¥à¤œà¤¾à¤° सकते हैं | परनà¥à¤¤à¥ चाहत अब यही है कि बस अब ये रासà¥à¤¤à¤¾ किसी तरह जलà¥à¤¦à¥€ से कट जाये |
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