वाह ताज – खूबसूरती और पà¥à¤°à¥‡à¤® का अनोखा संगम
सà¥à¤¬à¤¹ सà¥à¤¬à¤¹ साड़े पांच बजे नींद खà¥à¤² गयी à¤à¤µà¤‚ पतà¥à¤¨à¥€ का मूड à¤à¤• बार फिर ताज देखने का हà¥à¤†…हलकी ठणà¥à¤¡ में पैदल ही पहà¥à¤š गये और आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯à¤šà¤•ित हो के देखते कà¥à¤¯à¤¾ है की सिरà¥à¤« हम गिने चà¥à¤¨à¥‡ दो चार à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ थे और लगà¤à¤— पांच सात सौ की संखà¥à¤¯à¤¾ में विदेशी परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•…हर देश के …कही से इंगà¥à¤²à¤¿à¤¶ à¤à¤¾à¤·à¤¾ सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ दे रही थी तो कही कोई गाइड सà¥à¤ªà¥‡à¤¨à¤¿à¤¶ या जरà¥à¤®à¤¨ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में इन परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों से बात कर रहा था…पता चला की लगà¤à¤— सà¤à¥€ विदेशी सà¥à¤¬à¤¹ ही यहाठआते है à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¥€à¤¡à¤¼ से दूर और ये सà¥à¤à¤¾à¤µ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ गाइड और होटल वाले देते है…पिछले दिन à¤à¥€ विदेशी परà¥à¤¯à¤Ÿà¤• काफी थे पर आज à¤à¤¸à¤¾ लगा की हम लोग विदेश घà¥à¤®à¤¨à¥‡ आये है …इतने अधिक विदेशी à¤à¤• साथ à¤à¤• ही जगह पे à¤à¤¾à¤°à¤¤ में कही नही देखने को मिलते..
Read More