
अफà¥à¤°à¥€à¤•न सफारी :- मसाईमारा-अमà¥à¤¬à¥‹à¤¸à¤¿à¤²à¥€ केनà¥à¤¯à¤¾-अफà¥à¤°à¥€à¤•ा
जंगल में रासà¥à¤¤à¥‡ तो थे नही…गाडियों के टायर से बनी जगह इतनी उबड़ खाबड़ होती थी उस पर तेज़ चलना संà¤à¤µ नही था फिर दिन दिन à¤à¤° खà¥à¤²à¥€ छत से खड़े हà¥à¤ देखना आखिर थका देता है…कà¤à¥€ किसी पेड़ की डाल पे बैठा तेंदà¥à¤† तो कही à¤à¤¾à¤¡à¤¼à¤¿à¤¯à¥‹ में शेरो का परिवार…अचानक कही से जिराफ या जेबà¥à¤°à¤¾ का दौड़ते हà¥à¤ निकल जाना….लग रहा था की कोई नेशनल जियोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¤¿à¤• या à¤à¤¨à¤¿à¤®à¤² पà¥à¤²à¥‡à¤¨à¥‡à¤Ÿ टीवी देख रहे है…विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ नही हो रहा था की ये सब नज़रो के सामने घटित हो रहा है।
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