
मà¥à¤‚बई की गà¥à¤«à¤¾à¤à¤ – मंडपेशà¥à¤µà¤° और महाकाली
यह à¤à¥€ कहा जाता है कि जब-जब शासन बदला, तब-तब इस गà¥à¤«à¤¾ का विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•ार से उपयोग किया गया. कà¤à¥€ तो यहाठसैनिकों के टà¥à¤•ड़ियाठनिवास करती थीं, तो कà¤à¥€ शरणारà¥à¤¥à¥€-गण. यह à¤à¥€ समà¤à¤¾ जाता है कि पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• शासन काल में यह गà¥à¤«à¤¾ उजड़ी और फिर नठसिरे से बसी. लोग यह à¤à¥€ मानतें हैं कि विशà¥à¤µ यà¥à¤¦à¥à¤§ के समय à¤à¥€ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ सैनà¥à¤¯-बल यहाठबसा हà¥à¤† था. इनका यह मतलब निकलता है कि मंडपेशà¥à¤µà¤° गà¥à¤«à¤¾à¤à¤‚ हमेशा से लोगों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आबादित रहीं हैं.
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