राजा à¤à¤°à¥à¤¤à¥ƒà¤¹à¤°à¤¿ गà¥à¤«à¤¾ (à¤à¤¾à¤— 5)
तà¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ à¤à¥‹à¤²à¥‡ में से à¤à¤• फल निकाल कर राजा को दिया और कहा यह अमरफल है। जो इसे खा लेगा, वह कà¤à¥€ बूढ़ा नही होगा, कà¤à¥€ रोगी नही होगा, हमेशा जवान व सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° रहेगा। इसके बाद गà¥à¤°à¥ गोरखनाथ तो अलख निरंजन कहते हà¥à¤ अजà¥à¤žà¤¾à¤¤ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ की यातà¥à¤°à¤¾ के लिठआगे बढ़ गà¤à¥¤
उनके जाने के बाद राजा ने अमरफल को à¤à¤• टक देखा, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपनी पतà¥à¤¨à¥€ से विशेष पà¥à¤°à¥‡à¤® था, इसलिठराजा ने विचार किया कि यह फल मैं अपनी पतà¥à¤¨à¥€ को खिला दूं तो वह सà¥à¤‚दर और सदा जवान रहेगी।