शाम करीब ॠबजे हम लोग औंकारेशà¥à¤µà¤° पहà¥à¤‚च गये। औंकारेशà¥à¤µà¤° में ठहरने के लिये हमेशा हमारी पहली पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤•ता होती है शà¥à¤°à¥€ गजानन महाराज संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ यातà¥à¤°à¥€ निवास, तो हमने सीधी राह पकड़ी संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की और कà¥à¤› ही देर में हम संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के सामने खड़े थे।
सà¥à¤µà¤¾à¤—त ककà¥à¤· पर कà¥à¤› जरूरी औपचारीकतायें पà¥à¤°à¥à¤£ करने के बाद हमें हमारे कमरे की चाबी मिल गई। हमारा कमरा यातà¥à¤°à¥€ निवास नंबर ४ में था. अब चà¥à¤‚की बहà¥à¤¤ जोरों की à¤à¥à¤– लगी थी अत:निरà¥à¤£à¤¯ लिया गया की सबसे पहले à¤à¥‹à¤œà¤¨ किया जाये। यहां यह बता देना सही रहेगा की शà¥à¤°à¥€ गजानन महाराज संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के हर यातà¥à¤°à¥€ निवास में किफ़ायती दर पर à¤à¥‹à¤œà¤¨ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ होती है, चà¥à¤‚की हम पहले à¤à¥€ शà¥à¤°à¥€ गजानन संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ (शेगांव) में रह चà¥à¤•े थे तथा à¤à¥‹à¤œà¤¨ à¤à¥€ कर चà¥à¤•े थे और वहां हमें à¤à¥‹à¤œà¤¨ बहà¥à¤¤ पसंद आया था अत: हमने आज à¤à¥€ à¤à¥‹à¤œà¤¨ यहीं à¤à¥‹à¤œà¤¨à¤¾à¤²à¤¯ में करने का निशà¥à¤šà¤¯ किया और चल पड़े à¤à¥‹à¤œà¤¨à¤¾à¤²à¤¯ की ओर।
खाना सचमà¥à¤š बड़ा सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ था, ३० रà¥. में थाली जिसमें दो सबà¥à¤œà¥€, रोटी, दाल, चावल तथा à¤à¤• मिषà¥à¤ ानà¥à¤¨ के रà¥à¤ª में हलà¥à¤µà¤¾……शà¥à¤¦à¥à¤§ सातà¥à¤µà¥€à¤• à¤à¥‹à¤œà¤¨ और हमें कà¥à¤¯à¤¾ चाहिये था? सो à¤à¤°à¤ªà¥‡à¤Ÿ करने के बाद हम लोग अपने रà¥à¤® में आकर थोड़ी देर के लिये लेट गये। अब हमें ओंकारेशà¥à¤µà¤° मंदिर में शयन आरती में शामिल होना था जो की रात नौ बजे शà¥à¤°à¥ होती है. इस समय साढे आठबज रहे थे और यही समय था शयन आरती के लिये निकलने का, अत: हम लोग मनà¥à¤¦à¥€à¤° जाने के लिये तैयार होने लगे.
चà¥à¤‚कि वातावरण में बहà¥à¤¤ ठंडक थी अत: बचà¥à¤šà¥‡ तो इस समय बाहर निकलने में आनाकानी कर रहे थे लेकिन उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हमने चलने के लिये मना ही लिया और अनà¥à¤¤à¤¤: हम लोग उनी कपड़े वगैरह पहनकर अपने रà¥à¤® से बाहर निकल गये। बाहर सचमà¥à¤š बहà¥à¤¤ ठंड थी और हमें तो नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ नदी पर बने à¤à¥à¤²à¤¾ पूल से होकर ओंकारेशà¥à¤µà¤° मनà¥à¤¦à¥€à¤° की ओर जाना था जहां और जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ ठंड लगने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ थी।
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