
Summer Vacation: A day in Alipore Zoological Gardens – Part – V
Winter in Kolkata is very enjoyable. This is a good time to visit Kolkata. The temparature varies between 10°C to 15°C  and a good time for enjoying…
Read MoreWinter in Kolkata is very enjoyable. This is a good time to visit Kolkata. The temparature varies between 10°C to 15°C  and a good time for enjoying…
Read MoreThese are some of the places of Kolkata, which you may like to visit if you travel to the city. There are good and there will be bad things in any city. There are plenty of examples or perception to believe the city is not worth a visit or a second look. Whatever I find attractive, may not be as attractive to you. Everyone has their own rights to judge things differently. However, there are so many places around in any city, not in Kolkata alone, to come and explore.
Read MoreA sunny February day (13th Feb, 2013), we decided to visit and reached there around 12 noon. Took our tickets along with car ride tickets… started our journey with a 20 min battery car ride to every corner of the garden, it helped us from where we can start.
Read Moreपानी इतना साफ़ था की नीचे के पतà¥à¤¥à¤° साफ़ चमक रहे थे। इतनी छोटी सी जगह पर इतना आनंद à¤à¥€ लिया जा सकता है, सोचा न था। धूप धीरे धीरे हलकी हो रही थी और पानी à¤à¥€ अब जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ ठंडा लगने लगा था इसलिठसोचा कि अब यहा से चलना चाहिà¤à¥¤ इसी बीच मनमोहन दो तीन बार पानी से निकला तो हर बार à¤à¤• मचà¥à¤›à¤° उसको काटता था और वो चिलà¥à¤²à¤¾à¤¤à¤¾ था और गालिया देता था। हम सब हà¤à¤¸à¤¤à¥‡ थे कि मचà¥à¤›à¤° को गोरी चमड़ी पसंद आ रही है लेकिन अब जैसे ही हम सà¤à¥€ पानी से बाहर निकले तो उस मचà¥à¤›à¤° ने मेरे पैर मे बहà¥à¤¤ तेज काटा, अब चिलà¥à¤²à¤¾à¤¨à¥‡ की बारी मेरी थी और हसने की मनमोहन की। खैर हमने जलà¥à¤¦à¥€ जलà¥à¤¦à¥€ कपड़े पहने और वहा से बाहर की और चल दिà¤à¥¤
पानी मे इतनी देर रहने के बाद अब काफी थकान महसूस हो रही थी इसलिठपà¥à¤°à¤¦à¥€à¤ª को à¤à¥€ बोला कि अब सीधे गेसà¥à¤Ÿ हाउस चले लेकिन उसने रासà¥à¤¤à¥‡ मे गाड़ी à¤à¤• लमà¥à¤¬à¥‡ से बà¥à¤°à¤¿à¤œ के सामने रोक दी। जगह अचà¥à¤›à¥€ थी लेकिन अब रà¥à¤•ने के मन ही नहीं था लेकिन फिर à¤à¥€ उतर गठकी कà¥à¤› फोटो ही खीच ले। उतरने पर देखा कि वो केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ जल आयोग से समà¥à¤¬à¤‚धित था। हम वहा पाà¤à¤š दस मिनट ही रà¥à¤•े और फिर वापिस चल दिà¤à¥¤ वापिस आते हà¥à¤ हम मोहान से थोड़ा आगे ही निकले थे कि देखा वहा बहà¥à¤¤ à¤à¥€à¤¡à¤¼ थी, हम à¤à¥€ गाड़ी से बाहर आ गठतो पता चला कि हाथी का बचà¥à¤šà¤¾ à¤à¤¾à¤¡à¤¼à¤¿à¤¯à¥‹ मे उलठगया है, सड़क के à¤à¤• तरफ जंगल ही था और उसमे थोड़ा सा अनà¥à¤¦à¤° ही वो बचà¥à¤šà¤¾ फसा हà¥à¤† था और उसके पास हाथियों का पूरा à¤à¥à¤£à¥à¤¡ था, उनको देखने के लिठही वहा à¤à¥€à¤¡à¤¼ जमा थी। लोग हाथियों को परेशान कर रहे थे और बार बार अनà¥à¤¦à¤° जा रहे थे जो कि खतरनाक था अगर à¤à¤• बार हाथी पीछे à¤à¤¾à¤— लेते तो à¤à¤—दड़ मच जाती। हाथियों ने बचà¥à¤šà¥‡ को à¤à¤¾à¤¡à¤¼à¤¿à¤¯à¥‹ से छà¥à¤¡à¤¼à¤¾ लिया था लेकिन वो वही थे। हम लोगो ने वहा से निकलना ही सही समà¤à¤¾à¥¤ रासà¥à¤¤à¥‡ मे हमने रामनगर से जरूरी सामान ख़रीदा और वापिस गेसà¥à¤Ÿ हाउस की और चल दिà¤à¥¤
Read MoreDominique Lapierre calls it ‘The City of Joy’. For us it is ‘The City of Dreams’ or ‘The City of Hopes’. Calcutta or Kolkata…
Read MoreI understood the reality by the end of my first few days in Delhi and was trying hard to adopt the new environment. The…
Read Moreहमें घà¥à¤®à¤¤à¥‡ हà¥à¤ वहा के गारà¥à¤¡ ने बोला कि सर यहाठसे बाहर मत जाइà¤à¤—ा, इस चारदीवारी की अनà¥à¤¦à¤° ही रहना और पीछे के रासà¥à¤¤à¥‡ से तो बाहर निकलना ही मत। हमने पà¥à¤›à¤¾ कि यहाठà¤à¥€ डर है कà¥à¤¯à¤¾ तो उसने बोला साहब जी à¤à¤• शेर तो रोज ही पीछे वाले रासà¥à¤¤à¥‡ से जाता था और हाथी तो कई बार इन खेतो मे घà¥à¤¸ चà¥à¤•े है। जोश मे तो थे ही तà¤à¥€ सोच लिया कि खाना खाकर à¤à¤• चकà¥à¤•र तो लगायेगे बाहर का। हम जलà¥à¤¦à¥€ से डाइनिंग रूम मे पहà¥à¤šà¥‡, खाना तैयार था, दाजू ने तà¥à¤°à¤‚त लड़को को परोसने का आदेश कर दिया। खाना मजेदार था। खाना खाकर हम वापिस कमरों मे आ गठऔर दाजू को à¤à¥€ अनà¥à¤¦à¤° आने के लिठबोला। अनà¥à¤¦à¤° आने पर हमने पूछा कि बाहर कहा तक जाया जा सकता है। वो पकà¥à¤· मे नहीं थे लेकिन हमने à¤à¥€ बोला कि हम अनà¥à¤¦à¤° जंगल मे नहीं जायेगे सिरà¥à¤« बाहर सड़क तक तो जा सकते है और वैसे à¤à¥€ गाड़ी से बाहर तो निकलना नहीं था। । तब जाकर वो तैयार हà¥à¤†à¥¤
बारह से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ का समय हो रहा था और हम बाहर गाड़ी मे बैठे थे। आधा घंटा हम सड़को पर गाड़ी दौड़ाते रहे। वहा पेड़ो के बीच कचà¥à¤šà¤¾ रासà¥à¤¤à¤¾ था जो दिन मे शोरà¥à¤Ÿà¤•ट के रूप में पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— होता था, उस रासà¥à¤¤à¥‡ से जब निकले तो रोंगटे खड़े हो गठबिलकà¥à¤² सà¥à¤¨à¤¸à¤¾à¤¨, सड़क à¤à¥€ कचà¥à¤šà¥€, डर लग रहा था कि अगर गाड़ी फस गयी तो निकालनी मà¥à¤¶à¥à¤•िल हो जायेगी कà¥à¤¯à¥‹à¤•ि छोटी गाड़ी थी, अà¤à¤§à¥‡à¤°à¥‡ मे हिरनों के à¤à¥à¤£à¥à¤¡ à¤à¥€ दिखे जिनकी सिरà¥à¤« आखे चमक रही थी। वो अà¤à¥€ तक के सबसे यादगार और रोमांचक कà¥à¤·à¤£ थे, शायद à¤à¤¸à¤¾ रोमांच कà¤à¥€ जंगल मे à¤à¥€ नहीं आया था। पà¥à¤°à¤¦à¥€à¤ª का मन तो वापिस आने के लिठकर ही नहीं रहा था। à¤à¤• बजे हम वापिस आये तो थोड़ी देर कमरों के बाहर ही बैठगठकि कल कहा जाà¤à¥¤ जिम कॉरà¥à¤¬à¥‡à¤Ÿ के बिजरानी गेट से तो पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ मिल सकता था लेकिन जो जानवर अनà¥à¤¦à¤° दिखते थे वो बाहर ही दिख गठथे फिर à¤à¤¸à¤¾ रोमांच à¤à¥€ हो गया था। इसलिठचार हजार रूपये खरà¥à¤š करना अकà¥à¤²à¤®à¤‚दी नहीं लगी। पà¥à¤°à¤¦à¥€à¤ª ने बोला कि सर कल मे आपको मरचà¥à¤²à¤¾ लेकर चलूगा, आपको जगह पसंद आà¤à¤—ी। मरचà¥à¤²à¤¾ के बारे मे हमने कà¤à¥€ सà¥à¤¨à¤¾ नहीं था लेकिन कही तो जाना था इसलिठवही सही। जगह पकà¥à¤•ी हो गयी तो हम à¤à¥€ अपने कमरों मे आ गठसोने के लिà¤à¥¤
Read MoreThis is true of every ghumakkar. If Vishal Rathore, DL, Amitava, Ritesh, Manu, Abhee, Jat Devta, SS, Praveen Wadhwa, Nirdesh, Vipin, Mala, Devasmitha and Sushant (or any of the rest of authors here) were wandering together in a city or village with our cameras on our shoulders, each of us would aim at different objects and would shoot from different angles and for different reasons. It hardly matters whether we own a DSLR or a mobile phone as far as selection of our subjects is concerned. Well, here are a few things which I have learnt in photography in all these years. May be you would find them interesting and useful.
Read Moreहम लोग होटल से दूसरी और जाकर सड़क से नीचे नदी के पास चले गà¤à¥¤ ठनà¥à¤¡à¥‡ पानी से हाथ-मà¥à¤¹ धोकर मज़ा सा आ गया था। मà¥à¤à¥‡ याद नहीं आ रहा पर हम मे से किसी ने सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने की इचà¥à¤›à¤¾ जताई थी। वो जो à¤à¥€ था पागल था। बदन पर तो दो-दो जोड़े सà¥à¤µà¥‡à¤Ÿà¤° और ऊपर से जैकेट डाला हà¥à¤† था और पानी देख कर सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने का मन हो चला था। à¤à¤—वान का शà¥à¤•à¥à¤° है की पागल ने पागल-पंती नहीं की। हम लोगों ने नदी के पास जाकर कà¥à¤› फ़ोटो लिà¤à¥¤ यहाठपर हमारा अचà¥à¤›à¤¾ टाइम पास हो रहा था। वरना होटल के अंदर नाशà¥à¤¤à¥‡ का इंतज़ार मे खली-पीली टाइम ही बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ होता।
Read Moreसंगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ के मà¥à¤–à¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤° से अनà¥à¤¦à¤° घà¥à¤¸à¤¾ तो देखा कि टिकट खिड़की बनà¥à¤¦ है। मà¥à¤–à¥à¤¯ à¤à¤µà¤¨ के बाहर à¤à¥€ नाना पà¥à¤°à¤•ार की सैंकड़ों मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ वहां पर सà¥à¤¸à¤œà¥à¤œà¤¿à¤¤ देख कर मैने कैमरा निकाला और बकौल ननà¥à¤¦à¤¨ à¤à¤¾, नà¥à¤°à¥€à¤•à¥à¤·à¤£-पà¥à¤°à¥€à¤•à¥à¤·à¤£ शà¥à¤°à¥ हो गया। à¤à¤• सजà¥à¤œà¤¨ मेरे पास आकर बोले, कैमरे का टिकट ले लीजियेगा, अपना à¤à¥€à¥¤ अà¤à¥€ थोड़ी ही देर में टिकट काउंटर खà¥à¤² जायेगा। मैने पूछा कि तब तक मैं कà¥à¤¯à¤¾ करूं? इंतज़ार करना पड़ेगा? वह बोला, “नहीं, नहीं, आराम से देखिये, जहां à¤à¥€ चाहें, फोटो खींचिये। मेन बिलà¥à¤¡à¤¿à¤‚ग में à¤à¥€ बहà¥à¤¤ कà¥à¤› है। रासà¥à¤¤à¤¾ इधर से है।” धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ कह कर मैं बेधड़क इधर-उधर घूमता फिरता रहा और à¤à¤• डेॠघंटे में पूरा संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ उलट-पà¥à¤²à¤Ÿ कर देख डाला।
Read MoreSituated in a narrow gorge at the farther end of Lidder Valley, Amarnath Shrine stands at 3,888 m, 46 Km from Pahalgam and 14 Kms from Baltal. Though the original pilgrimages subscribes that the Yatra (journey) be undertaken from Srinagar, the more common practice is to begin journey at Chandanwari, and cover the distance to Amarnathji. Pahalgam is 96 Kms from Srinagar. Amarnathji is considered to be one of the major Hindu Dhams. The holy cave is the abode of Lord Shiva. The guardian of the absolute, Lord Shiva, the destroyer, is enshrined in the form of an ice-lingam in this cave. This lingam is formed naturally, which is believed to wax and wane with the moon.
Read MoreSummers are already in, cities are heating up, school are closed for summer vacations, children are craving for an outing, isn’t it enough to…
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