
बà¥à¤°à¤œ à¤à¥‚मि à¤à¥à¤°à¤®à¤£ : बरसाना-नंदगाà¤à¤µ में होली का हà¥à¤¡à¤¼à¤¦à¤‚ग
मथà¥à¤°à¤¾-वृंदावन के मंदिरों के दरà¥à¤¶à¤¨ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ सोमवार 11 मारà¥à¤š, 2014 को बरसाना की यातà¥à¤°à¤¾ का कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® बनाया. बरसाना की विशà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ लटà¥à¤ मार होली के दरà¥à¤¶à¤¨ की उतà¥à¤¸à¥à¤•ता के कारण आज सà¥à¤¬à¤¹ सà¤à¥€ लोग जलà¥à¤¦à¥€-जलà¥à¤¦à¥€ उठकर तैयार होने लगे. मथà¥à¤°à¤¾-वृंदावन-गोवरà¥à¤§à¤¨ आदि सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की यातà¥à¤°à¤¾ का सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ तो कई बार मिला परनà¥à¤¤à¥ बरसाना-नंदगाà¤à¤µ के सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ के à¤à¥à¤°à¤®à¤£ का ये हमारा पà¥à¤°à¤¥à¤® अवसर था.
पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒà¤•ालीन दैनिक कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के निवृतà¥à¤¤à¤¿ और नाशà¥à¤¤à¥‡ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ बà¥à¤† जी-फूफा जी से विदा लेकर चलने कि तैयारी की. बरसाना तक पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ के लिठगाडी और डà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤µà¤° की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के फूफा जी ने करवा दी थी. होली के रंग में रंगने के लिठराधारानी के जनà¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤² बरसाना की और चल दिà¤.
बरसाना के होली महोतà¥à¤¸à¤µ में शà¥à¤°à¥€à¤•ृषà¥à¤£ के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ नंदगाà¤à¤µ के निवासी बरसाना की गोपियों के साथ होली खेलने तथा राधारानी जी के मंदिर पर धà¥à¤µà¤œà¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से बरसाना में आते हैं. बरसाना में गोपियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उनका सà¥à¤µà¤¾à¤—त रंग-गà¥à¤²à¤¾à¤² के साथ-साथ लटà¥à¤ ों (डंडों) दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया जाता है. नंदगाà¤à¤µ के निवासी à¤à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤—त के इस तरीके से à¤à¤²à¥€-à¤à¤¾à¤à¤¤à¥€ परिचित होते हैं और वे रंग-गà¥à¤²à¤¾à¤² के साथ-साथ अपने बचाव के लिठबड़ी-सी मजबूत ढाल लेकर आते हैं. होली के इस अनोखे सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª के कारण ही बरसाना की होली को लटà¥à¤ मार होली के नाम से पूरे विशà¥à¤µ में जाना जाता है. इसके अगले दिन बरसाना की गोपियाठनंदगाà¤à¤µ में होली के लिठजाती हैं और नंदगाà¤à¤µ के निवासी रंग, अबीर, गà¥à¤²à¤¾à¤² से उनको तरह-तरह के रंगों में रंग देते हैं.मथà¥à¤°à¤¾ से लगà¤à¤— 45 किलोमीटर दूर बरसाना जाते हà¥à¤ रासà¥à¤¤à¥‡ में गोवरà¥à¤§à¤¨ पर कà¥à¤› देर रूककर गिरिराज जी परिकà¥à¤°à¤®à¤¾ मारà¥à¤— पर दंडवत और दानघाटी गिरिराज जी मंदिर को पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤® करके बरसाना की ओर चल दिà¤.
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