Himachal Pradesh

In the lap of the great Himalayan Ranges lies this mesmerising state of Himachal Pradesh. Possessing an enviable diversity of natural beauty, Himachal Pradesh cradles snow capped mountains, snow fed rivers, dense deodar forests, cultivated terraces and apple orchards within itself. Fondly called as Devbhumi or land of the Gods, this land welcomes visitors to enjoy the natural splendour of Rajgarh Valley, Chail, Great Himalayan National Park and Pin Valley National Park. For a peek into the past, there are historical sites like Sujanpur Tihra and Kangra Fort.
Bird watchers would love the Maharana Pratap Sagar Lake Sanctuary, which attracts multitudes of migratory ducks from the Siberian region during winter months. Himachal Pradesh has pleasant summers and cold winters with snowfall in some places. Many favoured destinations for those who wish to get away from the heat of the plains are the hill stations of Simla, Dalhousie, Kasauli, Manali and Chail.

हिमाचल डायरी : दो पल के जीवन से…  (Sirmour सिरमौर – भाग 2)

हिमाचल डायरी : दो पल के जीवन से… (Sirmour सिरमौर – भाग 2)

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शाम के छह साढ़े छह बजे का समय चाय का नियत है, कुछ मेहमानों के पास अपनी निजी, और कुछ कैम्प वालों के पास, कुल मिलकर इतनी छतरियां है कि सभी एक एक करके हाल में पहुँचते है | इस तरह के आयोजन का सबसे बड़ा लाभ यह है कि आप केवल अपने खोल में ही सिमटे नही रहते बल्कि अजनबी लोगो से मुलाकात होती है, कुछ नए दोस्त बनते है मोबाइल नम्बर भी लिए दिए जाते है और फिर एक दुसरे के सम्पर्क में रहने के वादे इरादे भी! यूँ तो ज्यादातर लोग गुडगाँव और दिल्ली के ही है, शायद इन्ही जगहों पर सबसे अधिक रोजगार के साधनों का सृजन भी हुआ है जिसकी वजह से देश विदेश से हजारो लोग अपने परिवेश को छोड़ कर इन शहरों में आये है, जिसकी वजह से एक नवधनाढ्य मध्यम वर्ग का उदय हुआ है, जो 1990 से पहले की भारतीय अर्थव्यवस्था में अनुपस्थित था | और, फिर ऐसे छुट्टी के अवसर पर दो चार दिन अपने PG में पड़े रहने से, या माल में घूमने से बेहतर है कि इस तरह का पर्यटन ही कर लिया जाये | एक बड़ा सा ग्रुप ऐसे ही लडके लडकियों का है, मगर वो अपनी ही दुनया में मगन है, उन सब की काटेज आस पास ही है, सो उनका अड्डा वहीं जमा रहता है | अपने ही म्यूजिक सिस्टम पर वो गाने लगा लेते है और नाचते रहते है | अपनी गिटार भी है, कभी कभी उस पर भी खुद ही गुनगुनाते रहते हैं, लडके हों या लडकियाँ, सिगरेट और शराब के शौक़ीन है और कैम्प के सहयोग से उनकी अनवरत सप्लाई उनके लिए चालू है | एक दूसरा ग्रुप दस लोगों का, दिल्ली से है, जो एक ही स्कूल से सन नब्बे के पास आउट है, और अब सभी अलग अलग कार्य क्षेत्रों में सलिंप्त है | मगर उल्लेखनीय बात है कि वो आज भी एक दूसरे के सम्पर्क में है | और, कभी कभी उन साथ बिताये गये अपने उन गुजरे लम्हों को याद करने के लिए, अपने परिवारों से अलग ऐसे प्रोग्राम बनाते रहते है | दिल्ली से हैं, और अधिकतर पंजाबी हैं, सो शुरूआती संकोच के बाद जब खुलते हैं तो फिर इतना खुल जाते हैं कि आप उनकी शाम की महफ़िल में ही अपने आप को जाम उठाये पाते है |

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हिमाचल डायरी : दो पल के जीवन से… (Sirmour सिरमौर – भाग 1)

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कांगो जोहड़ी में ही मुख्य सड़क से लगभग चार किमी नीचे की उतराई पर कैंप रोंक्स हमारी मंजिल है | हमे रास्ता दिखाने रिसोर्ट की तरफ से अपनी इनोवा गाड़ी लेकर सौरभ ( इस कैम्प के मालिक का बेटा} आया है और अब हमे इस कच्ची और पथरीली सडक पर बिना किसी सुरक्षा व वाले रास्ते पर जाना है | इस सडक पर गाड़ी बढ़ाते ही लैंसडाउन के हिल व्यू शांति राज रिसोर्ट की याद ताजा हो आई | बिलकुल वैसी ही सड़क मगर रास्ता उससे भी एक किमी और ज्यादा लम्बा, ऊपर से बारिश और गाड़ियों की लगातार आवाजाही के कारण बीच बीच में पानी के पोखर से बन गए हैं जिनमे से गुजरते डर लगता है कहीं आप की गाड़ी का पहिया न फँस जाये, मगर इसके सिवा कोई और चारा भी तो नही | नास्तिक पता नही कैसे इन लम्हों से पार पाते होंगे, मगर हम तो राम राम और वाहेगुरु वाहेगुरु करते और फिर से एक बार ये सोचते हुये कि  इस बार तो यहाँ आ गए अगली बार किसी ऐसी जगह नही आना, पिछले कुछ सालों से इसी तरह से अपने डर पर काबू पाते आ रहें है | रिसोर्ट की इनोवा आगे आगे चल रही है और पीछे पीछे हम मगर अभी तक तो रिसोर्ट का नामो निशाँ ही नही | मगर फिर दूर नीचे घाटी में पानी की कुछ टँकियां नजर आती है तो मन में आशा की एक नई लहर का संचार होता है जब इतना पहुँच गए तो वहाँ भी पहुँच ही जायेंगे और फिर हमसे आगे तो इनोवा है | हालांकि प्रकृति वही है और प्रकृति के नजारे भी, मगर अब जल्दी पहुँचने की हसरत में इसे भोगने का कोई इरादा नही, अन्यथा आप कहीं भी अपनी गाड़ी रोक कर यहाँ घंटो गुजार सकते हैं | परन्तु चाहत अब यही है कि बस अब ये रास्ता किसी तरह जल्दी से कट जाये |

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