
Mount Abu Sight Seeing
माउंट आबू à¤à¥à¤°à¤®à¤£ के दौरान बहà¥à¤¤ सारा समय हमने पीस पारà¥à¤• में à¤à¥€ बिताया था। वहां घà¥à¤¸à¤¤à¥‡ ही सबसे पहले हमें बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤•à¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ वालों ने à¤à¤• वीडियो दिखाया जिसका सार ये था कि ज़िनà¥à¤¦à¤—ी मिलेगी दोबारा – दोबारा अगर तà¥à¤® नहीं करोगे अजà¥à¤žà¤¾à¤¨ से किनारा ! अजà¥à¤žà¤¾à¤¨ का अरà¥à¤¥ है – खà¥à¤¦ को और इस शरीर को à¤à¤•ाकार समठलेना। इस वीडियो के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° हम आतà¥à¤®à¤¾ हैं जो इस शरीर के अनà¥à¤¦à¤°, दोनों नेतà¥à¤°à¥‹à¤‚ के मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤— में, यानि à¤à¥ƒà¤•à¥à¤Ÿà¤¿ में रहते हैं। हम यानि आतà¥à¤®à¤¾, इस शरीर रूपी गाड़ी के डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° हैं। हम सब आतà¥à¤®à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ परमपिता परमातà¥à¤®à¤¾ के पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ बचà¥à¤šà¥‡ हैं, उनके अंश हैं। हम निरंतर यह सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ बनाये रखें कि हमारा और हमारे परमपिता परमातà¥à¤®à¤¾ का बाप-बेटे का नाता है तो हमें उनसे à¤à¤¸à¥‡ ही सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ à¤à¤¾à¤µ उपजेगा जैसे किसी यà¥à¤µà¤• को किसी अनजानी यà¥à¤µà¤¤à¥€ से सगाई हो जाने के बाद उससे सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ उपजने लगता है। उसे कहना नहीं पड़ता कि à¤à¤¾à¤ˆ, कà¤à¥€ टाइम निकाल कर अपनी मंगेतर को à¤à¥€ याद कर लिया कर! वह खाते-पीते, सोते-जागते, उठते-बैठते हर समय अपनी मंगेतर को ही याद करता रहता है, उससे मिलने के खà¥à¤µà¤¾à¤¬ देखा करता है। आजकल के लड़के तो मोबाइल में couple plan ले लेते हैं ताकि चौबीसों घंटे हॉटलाइन से जà¥à¥œà¥‡ रहें। ठीक वैसे ही हमें यदि परमपिता परमातà¥à¤®à¤¾ से अपने संबंध का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ हो जाये तो हम हर समय उनकी सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ में ही रहेंगे। यह तब होगा जब हम सदैव यह याद करेंगे कि हम यह शरीर नहीं हैं बलà¥à¤•ि इस शरीर को संचालित करने वाली आतà¥à¤®à¤¾ हैं। हम सब विसà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ की शिकार आतà¥à¤®à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ हैं जो यहां – वहां सà¥à¤– की लालसा में à¤à¤Ÿà¤•ती रहती हैं जबकि वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤– परमपिता परमातà¥à¤®à¤¾ से मिलन में है जो हम योग लगा कर किसी à¤à¥€ समय अनà¥à¤à¤µ कर सकते हैं । उसके लिये मरना कतई जरूरी नहीं है।
गà¥à¤°à¥ शिखर और अचलगॠनाम की दो परà¥à¤µà¤¤ चोटियों के मधà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ विशाल परिसर में विकसित इस पीस पारà¥à¤• में न केवल अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° उदà¥à¤¯à¤¾à¤¨ हैं, रोज़ गारà¥à¤¡à¤¨ हैं, à¤à¥‚ले हैं, रॉक गारà¥à¤¡à¤¨ है, पिकनिक के लिये और खेल कूद के लिये मैदान हैं बलà¥à¤•ि सबसे आननà¥à¤¦ दायक बात ये है कि इस पीस पारà¥à¤• का पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ कà¥à¤¶à¤² और सेवाà¤à¤¾à¤µà¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के हाथों में है। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤•à¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ केनà¥à¤¦à¥à¤° यानि मधà¥à¤¬à¤¨, जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सरोवर और शानà¥à¤¤à¤¿à¤µà¤¨ में तीन या अधिक दिनों के लिये नियमित रूप से शिविर लगते रहते हैं और à¤à¤• दिन पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¥à¤“ं को घà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥‡ के लिये à¤à¥€ नियत रहता है। पीस पारà¥à¤• में à¤à¥€ वे कà¥à¤› घंटे बिताते हैं, यहां उनके लिये खेल-कूद व खाने-पीने की à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की जाती है। à¤à¤¸à¥‡ ही à¤à¤• अवसर के चितà¥à¤° यहां लगा रहा हूं।
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