
घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ की दिलà¥à¤²à¥€ : गà¥à¤°à¥à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शà¥à¤°à¥€ बंगला साहिब
à¤à¤µà¤¨ के बाहर आकर पंकà¥à¤¤à¤¿ में हलà¥à¤µà¤¾ का पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¦à¤¾ लिया. पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण में कà¥à¤› देर शांतचितà¥à¤¤ होकर बैठे रहने के बाद पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¦à¤¾ गà¥à¤°à¤¹à¤£ किया. गà¥à¤°à¥à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤°à¥‹à¤‚ में मिलने वाले पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¦ रूपी हलà¥à¤µà¥‡ की विशेषता है कि यह शà¥à¤¦à¥à¤§ देशी घी से बना होता है और पूरी तरह से घी में तर होता है. हाथ में पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¦à¤¾ लेकर खाने के बाद हाथों में देशी घी की सà¥à¤—ंध और चिकनाहट बानी रहती है और सà¥à¤µà¤¾à¤¦ की तो बात ही कà¥à¤¯à¤¾Â ‘गà¥à¤°à¥-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦’ जो है. बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¦à¤¾ गà¥à¤°à¤¹à¤£ किया और मेरी बड़ी बेटी à¤à¥‚मिका को इतना पसंद आया कि पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¦à¤¾ की लिठदोबारा से लाइन में लग गयी. पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¦à¤¾ वितरण करने वाले à¤à¤—तजी ने सर पर रà¥à¤®à¤¾à¤²à¤¾ न होने की कारण थोड़ा डांटते हà¥à¤ पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¦à¤¾ देने से मना कर दिया और हम दूर से दृशà¥à¤¯ देखते रहे.
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