
थोल बर्ड सैंक्चुअरी की औचक यात्रा
हमने लेक के किनारे बने पैदल पथ पर यात्रा शुरू की | मौसम सुहावना हो चला था और हलकी हलकी बयार् बह रही थी जिसने माहौल को खुशनुमा बना दिया था | इतने बड़ी झील को देखकर सुकून महसूस हुआ और ऐसा लगा की मै पहले यहाँ क्यूँ नहीं आया ? हम रास्ते से नीचे उतरकर झील के किनारे तक गये और वहां बैठकर सुबह की बनाई थेर्मोफ्लास्क में रखी गरम चाय (जो अभी तक पर्याप्त गरम थी) का आनंद लिया |
किनारे हमने एक घंटे बिठाये और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की | कुछ समय तक शांत बैठकर सबने स्वतः बात चीत बंद कर दी और दूर तक फैले झील और उड़ते पक्षियों को देखते रहे |फिर हम वापस किनारे के रस्ते पर आ बर्ड वाच पॉइंट की ओर बढे | रास्ते में एक मैन-मेड वृक्ष आकार का पॉइंट मिला जिस पर जाने के लिए बच्चे उतावले हो गये | और अभिलाषा जल्दी से जाकर ऊपर चढ़ गई |
रास्ते के किनारे उगे कई नीम के पेड़ में से सबसे आसान पेड़ पर मैंने चढाई का प्लान बनाया ताकि अपनी बचपन की कहानियों को सिध्ध किया जा सके की मे पेड़ पर चढ़ने में माहिर हूँ | सबके मना करने के बाद भी मे पेड़ की सबसे नीचे डाली पर चढ़ा और रों धोकर अभिलाषा भी आ गई थोड़ी देर में |
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