
पारà¥à¤µà¤¤à¥€ घाटी (कà¥à¤²à¥à¤²à¥‚) में à¤à¤•ल (solo) घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ी — तोष, कसोल और छलाल
कसोल से लगà¤à¤— दो किलोमीटर दूर छलाल गांव तक इस पà¥à¤² को पार करने के बाद केवल पैदल ही जाया जा सकता है. छलाल गांव में जाने वाला रासà¥à¤¤à¤¾ पारà¥à¤µà¤¤à¥€ नदी के किनारे है. रासà¥à¤¤à¥‡ के à¤à¤• ओर पारà¥à¤µà¤¤à¥€ नदी के जल का मधà¥à¤° सà¥à¤µà¤° पूरे रासà¥à¤¤à¥‡ आपके कानों से टकराता रहता है. और दूसरी ओर ऊà¤à¤šà¥‡ परà¥à¤µà¤¤ इस मारà¥à¤— को मनोहारी बना देते है. देवदार के घने वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ से होकर छलाल गांव तक की पदयातà¥à¤°à¤¾ का अनà¥à¤à¤µ अपने आप में अनूठा है.
छलाल गांव में पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ पर शाम हो चà¥à¤•ी थी. रातà¥à¤°à¤¿ विशà¥à¤°à¤¾à¤® के लिठछलाल में रूककर अगले दिन आगे की यातà¥à¤°à¤¾ का निरà¥à¤£à¤¯ लिया.