ऋतू का आगमन यूठतो पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वरà¥à¤· ही होता है, जिसके फलसà¥à¤µà¤°à¥‚प अकà¥à¤¸à¤° हम सà¤à¥€ फिर से वापिस अपने बचपन की उन यादों को जी लेते हैं जिनमे सिवाय मौज-मसà¥à¤¤à¥€ और सैर-सपाटा के कà¥à¤› नहीं होता था। लगà¤à¤— पूरे दो महीने तक सà¥à¤•ूल की छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ और चारो तरफ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का शोरगà¥à¤² आरमà¥à¤à¥¤Â  सांप-सीढ़ी, कैरम-बोरà¥à¤¡, पकड़म पकड़ाई, खो-खो, कबडà¥à¤¡à¥€, पहला-दà¥à¤—à¥à¤—ो आदि जैसे खेलों को खेलते हà¥à¤ दिन कैसे बीत जाते थे कà¥à¤› पता ही नहीं चलता था।
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