घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ी – कà¥à¤› खटà¥à¤Ÿà¥€…. कà¥à¤› मीठी !!!
वो दूर टैंट दिख रहा है ? वहीं रहेंगे रात |
पहाड़ी बोला – कà¥à¤¯à¤¾ गजब कर रहे हो बाऊजी, वहां तो रात को शेर तथा  अनà¥à¤¯ जंगली जानवर पानी पीने आते हैं
हमारी सिटà¥à¤Ÿà¥€-पिटà¥à¤Ÿà¥€ गà¥à¤®… अब नीचे जाने की हिमà¥à¤®à¤¤ नही हो रही थी…खैर राम राम करते नीचे पंहà¥à¤šà¥‡à¥¤ मैने बोला घबराने की बात नहीं, रौशनी देख कर शेर यहां नही आयेगा.  पर विजय रहने को तैयार नही हà¥à¤†, बोला वो ढाबे वाले के साथ सो जायेगा.  पà¥à¤°à¤¦à¥€à¤ª ने à¤à¥€ कहा कि अगर रात को बतà¥à¤¤à¥€ जलाते रहने से बैटरी बैठगयी तो सà¥à¤¬à¤¹ गाड़ी चालू नहीं होगी…. उनका बातें सà¥à¤¨ कर मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ डर लगने लगा और हमने 2 घंटे की मेहनत से लगाये टैट को 5 मिनट में खोला और वहां से à¤à¤¾à¤— लिये।  आधी रात का समय, कोई गाड़ी नही… कोई रौशनी नहीं..
रात 12 बजे रिषिकेश पंहà¥à¤šà¥‡.. सब होटल बंद पड़े थे… बड़ी कोशिश के बाद 1 बजे के आसपास à¤à¤• घटिया से होटल में कमरा मिला और अपन लोग, केंचà¥à¤²à¥€ मार कर दहाड़ -2 कर सो गये
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