
Ranthambore – Meeting the king of the jungle
इस बार हमें 2 नंबर गेट से प्रवेश करना था और इस बार ड्राईवर व गाइड भी समझदार लग रहे थे उन्होंने हमें आश्वासन दिया की वो हमें इस बार बाघ दिखा देगे . वो रास्ते मै अपने अनुभव बता रहे थे थोड़ी देर बाद गणपति का मंदिर भी दिखा जिसकी बहुत मान्यता थी मंदिर के बाद जंगल मै प्रवेश किया, लगभग १० मिनट गाडी चलाने के बाद ही ड्राईवर और गाइड आपस मै बात करने लगे और उन्होंने गाडी बहुत तेज दौड़ा दी, हम कुछ समझ नहीं पाए लेकिन कुछ बोले नहीं, ५ मिनट बाद ही वो बोले की कैमरे निकाल लीजिये क्योकि सामने ही एक बाघ था जो पानी मै आराम कर रहा था,
उन्होंने बताया की ये मादा है,हम सभी बहुत रोमांचित महसूस कर रहे थे क्योकि हम बाघ के बहुत नज्दीक थे, अभी १० मिनट ही हुए थे की पीछे से वन अधिकारी की जिप्सी आ गयी जिसमे वो खुद नहीं था लेकिन उसके कुछ गेस्ट थे उसकी जिप्सी आने के सभी जिप्सियो को वहा से जाने का इशारा कर दिया गया, हमारे ड्राईवर ने भी गाडी आगे बढ़ा दी
हमने उसको मना किया की वो ऐसा क्यों कर रहा है तो बोला कि अधिकारी साहेब ज्यादा देर खड़ा नहीं रहने देगे इसलिए थोड़ी देर बाद घुमा कर वापिस ले आऊगा बड़ा गुस्सा आया और मैंने उसको बोल भी की हम लोग पैसे खर्च करके इतनी दूर सिर्फ बाघ देखने आये है तो उसने बोला की आप इसकी शिकायत कर सकते है। 15 मिनट बाद हम वापिस उस्सी जगह आ गए उस समय वह सिर्फ 3 गाडी थी जिसमे एक अधिकारी की और बाकी 2 भी खास लोगो की ही थी। देखकर फिर गुस्सा आया की वो खुद क्यों अभी तक वहा है लेकिन किसी को कोई फ़र्क नहीं पड़ा और लगातार उनकी गाडी ही बाघ के सामने रही।
Read More