हिमाचल का अनमोल रतà¥à¤¨ ‘तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡’ : आकरà¥à¤·à¤• परà¥à¤µà¤¤à¤¾à¤°à¥‹à¤¹à¤£ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°
जिस पà¥à¤°à¤•ार सà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ वà¥à¤¯à¤‚जनों की चरà¥à¤šà¤¾ à¤à¥‚खे वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की à¤à¥‚ख को ओर अधिक बढ़ा देती है उसी पà¥à¤°à¤•ार तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ के पà¥à¤°à¤¾à¤•ृतिक सौंदरà¥à¤¯ की चरà¥à¤šà¤¾ ने घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ों की लालसा को à¤à¥€ बढ़ा दिया होगा. जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ की घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ी नहीं की है उनके मन में अवशà¥à¤¯ ही ये पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ उठरहे होंगे कि तà¥à¤°à¤¿à¤‰à¤£à¥à¤¡ कैसे पहà¥à¤‚चा जाà¤,
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