वहां से निकल कर अगला पड़ाव था – जगदीश मंदिर ! मैं चूंकि à¤à¤• घंटा पहले यहां तक आ चà¥à¤•ा था अतः मà¥à¤à¥‡ बड़ा अचà¥à¤›à¤¾ सा लग रहा था कि अब मैं अपने परिवार के लिये गाइड का रोल निरà¥à¤µà¤¹à¤¨ कर सकता हूं। परनà¥à¤¤à¥ पहली बार तो मैं मंदिर की सीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के नीचे से ही वापिस चला गया था। ऊपर मेरे लिये कà¥à¤¯à¤¾ – कà¥à¤¯à¤¾ आकरà¥à¤·à¤£ मौजूद हैं, इसका मà¥à¤à¥‡ आà¤à¤¾à¤¸ à¤à¥€ नहीं था। मंदिर की सीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के नीचे दो फूल वालियां अपने टोकरे में फूल – मालायें लिये बैठी थीं । माला खरीद कर हम सीà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर बॠचले। à¤à¤¾à¤ˆà¤¸à¤¾à¤¹à¤¬ का कई वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ à¤à¤•à¥à¤¸à¥€à¤¡à¥‡à¤‚ट हà¥à¤† था, तब से उनको सीà¥à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ चà¥à¤¨à¥‡ में असà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ होती है। वह बोले कि मैं टैकà¥à¤¸à¥€ में ही बैठता हूं, तà¥à¤® लोग दरà¥à¤¶à¤¨ करके आओ। मैने कहा कि टैकà¥à¤¸à¥€ में बैठे रहने की कोई जरूरत नहीं। मà¥à¤à¥‡ à¤à¤• दूसरा रासà¥à¤¤à¤¾ मालूम है मैं आपको वहां से मंदिर में ले चलूंगा। उसमें दो-तीन सीà¥à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ ही आयेंगी। वह आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯à¤šà¤•ित हो गये कि मà¥à¤à¥‡ इस मंदिर के रासà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के बारे में इतनी गहन जानकारी कैसे है। वासà¥à¤¤à¤µ में, जब मैं पैदल घूम रहा था तो à¤à¤• बहà¥à¤¤ ढलावदार रासà¥à¤¤à¥‡ से होकर मैं मंदिर के पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° तक आया था। उस ढलावदार रासà¥à¤¤à¥‡ पर à¤à¥€ जगदीश मंदिर के लिये छोटा सा पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दà¥à¤µà¤¾à¤° दिखाई दिया था। à¤à¤¾à¤ˆà¤¸à¤¾à¤¹à¤¬ इतनी सारी सीà¥à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ नहीं चॠसकते थे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उनका घà¥à¤Ÿà¤¨à¤¾ पूरा नहीं मà¥à¥œ पाता परनà¥à¤¤à¥ ढलावदार रासà¥à¤¤à¥‡ पर चलने में कोई दिकà¥à¤•त नहीं थी। मेरी जिस ’आवारागरà¥à¤¦à¥€â€™ को लेकर सà¥à¤¬à¤¹ ये तीनों लोग खफा नज़र आ रहे थे, अब तीनों ही बहà¥à¤¤ खà¥à¤¶ थे। आखिर इसी ’आवारागरà¥à¤¦à¥€â€™ (जिसे मैं घà¥à¤®à¤•à¥à¤•ड़ी कहना जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पसनà¥à¤¦ करता हूं) की वज़ह से à¤à¤¾à¤ˆà¤¸à¤¾à¤¹à¤¬ को मंदिर के दरà¥à¤¶à¤¨ जो हो गये थे।
Read More