
मेरी पà¥à¤·à¥à¤•र यातà¥à¤°à¤¾ – पà¥à¤·à¥à¤•र मेला 2017
परà¥à¤¯à¤Ÿà¤•ों को लà¥à¤à¤¾à¤¨à¥‡ वाली तमाम जगहों से à¤à¤°à¥€ राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ की धरती में पà¥à¤·à¥à¤•र का à¤à¤• अलग सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि बाकी जगहों की तरह यहाठकोई रेगिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨, महल या किला नहीं है, पà¥à¤·à¥à¤•र पूरे विशà¥à¤µ में अपनी पहचान रखता है अपनी धारà¥à¤®à¤¿à¤• और सांसà¥à¤•ृतिक विरासत के लिठI पूरे विशà¥à¤µ में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ जी का अकेला मंदिर पà¥à¤·à¥à¤•र में ही है, इस कारण हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® में पà¥à¤·à¥à¤•र का à¤à¤• बहà¥à¤¤ ख़ास सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ तो है ही पर उसके अलावा पà¥à¤·à¥à¤•र की इस विशà¥à¤µ सà¥à¤¤à¤°à¥€à¤¯ पहचान के पीछे, हर साल कारà¥à¤¤à¤¿à¤• के महीने में आयोजित होने वाले पà¥à¤·à¥à¤•र मेले की अहमॠà¤à¥‚मिका है I साल के वो आठदिन जब ये मेला चलता है, तो पà¥à¤·à¥à¤•र देश ही नहीं पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के मानचितà¥à¤° में होता है I
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