यमà¥à¤¨à¥‹à¤¤à¥à¤°à¥€ यातà¥à¤°à¤¾- हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤šà¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ से यमà¥à¤¨à¥‹à¤¤à¥à¤°à¥€
यहां मà¥à¤–à¥à¤¯ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° के बराबर में ही à¤à¤• गà¥à¤«à¤¾ है। इस गà¥à¤«à¤¾ में सालों से à¤à¤• महाराज जी रहते हैं। वे कà¤à¥€ नीचे नहीं जाते, सरà¥à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में कपाट बनà¥à¤¦ होने के बाद à¤à¥€à¥¤ अकेले ही रहते हैं। कहा जाता है कि नीचे जाना तो दूर, उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कà¤à¥€ सामने बहती यमà¥à¤¨à¤¾ को à¤à¥€ पार नहीं किया है। कà¥à¤› à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने उस गà¥à¤«à¤¾ के सामने मनà¥à¤¦à¤¿à¤° à¤à¥€ बनवा दिया है। महाराज उसी में रहते हैं, खà¥à¤¦ बनाते हैं, खाते हैं। बाद में अगले दिन मैने उनकी फोटो लेनी चाही तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ मना कर दिया। तो मैने उनका फोटो लिया ही नहीं। आज जब कोई नहीं दिखा तो मैं उनके पास ही पहà¥à¤‚चा –“बाबा, आज रà¥à¤•ने के लिये कोई कमरा मिल जायेगा कà¥à¤¯à¤¾ यहां?†बोले कि मिल जायेगा, अà¤à¥€ थोडी देर सामने खडे होकर कà¥à¤¦à¤°à¤¤ का मजा लो।
Read More