
बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤•à¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ आशà¥à¤°à¤® की यातà¥à¤°à¤¾ व आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के पल….!
अब मैं मधà¥à¤¯ बरà¥à¤¥ पर था और पतà¥à¤¨à¥€ लोअर बरà¥à¤¥ पर. वह महिला जिससे बरà¥à¤¥ à¤à¤•à¥à¤¸à¤šà¥‡à¤‚ज की थी वह टà¥à¤°à¥‡à¤¨ चलते ही à¤à¤¸à¥€ निंदà¥à¤°à¤¾ में लीं हà¥à¤ˆ कि सवेरे चाय- नाशà¥à¤¤à¤¾ की आवाजों के कोलाहल और चलकदमी से ही जागी. जैसी मà¥à¤à¥‡ चिंता रहती है मिडिल या अपर बरà¥à¤¥ की à¤à¤¸à¥€ कोई दिकà¥à¤•त तो नहीं हà¥à¤ˆ कà¥à¤¯à¥‚ंकि à¤à¤• बार सोने के लिठबेड पर जाने के बाद फिर तो मैं सवेरे ही उठता हूठचाहे नींद न à¤à¥€ आये. बस बरà¥à¤¥ में शरीर को घà¥à¤¸à¤¾à¤¨à¤¾ और फिर सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को समेटना– इन दो कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं के खतरों के कारण मैं लोअर बरà¥à¤¥ को बेहतर मानता हूं। यदि पतà¥à¤¨à¥€ के सहमति नहीं होती तो मैं उन महिला को उपकृत करने वाला नहीं थ. लगà¤à¤— à¤à¤• महीना पहले बà¥à¤•िंग कराओ, लोअर सीट के लिà¤, और à¤à¤• कà¥à¤·à¤£ में à¤à¤• आगà¥à¤°à¤¹ पर वह बरà¥à¤¥ आप किसी और को सौंप दें, यह तो कोई बात नहीं हà¥à¤ˆ. हालांकि पतà¥à¤¨à¥€ का सोचना इसके विपरीत है, चूà¤à¤•ि वह à¤à¥€ समय-समय पर अपनी यातà¥à¤°à¤¾ में लोअर बरà¥à¤¥ को हथियाने में निपà¥à¤£ है, तो उसके लॉजिक के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° उस बरà¥à¤¥ पर किसी महिला को सोने देने में कà¥à¤› à¤à¥€ असहजता नहीं है. और यह कि लोअर बरà¥à¤¥ पर महिलाओं का पहला अधिकार नैसरà¥à¤—िक रूप से बनता है (रेलवे के नियम चाहे जो कà¥à¤› हों).
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