Chhatikara Maa Vaishno Devi छटीकरा माठवैषà¥à¤£à¥‹à¤¦à¥‡à¤µà¥€ मनà¥à¤¦à¤¿à¤°
दाà¤à¤ˆ ओर छटीकरा मà¥à¤¡à¤¼à¤¤à¥‡ ही कà¥à¤› फासले पर ही, दाà¤à¤ˆ तरफ कà¥à¤°à¥à¤¦à¥à¤§ शेर पर सौमà¥à¤¯ देवी माठकी विशाल मूरà¥à¤¤à¤¿ का दरà¥à¤¶à¤¨ होता है, पास ही हाथ जोड़े धà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤®à¤—à¥à¤¨ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ बैठे हैं। यह माठवैषà¥à¤£à¥‹à¤¦à¥‡à¤µà¥€ का नवनिरà¥à¤®à¤¿à¤¤ विशाल मनà¥à¤¦à¤¿à¤° हैं। मनà¥à¤¦à¤¿à¤° की तरफ कà¥à¤› हटकर हलकी सी छाà¤à¤¹ में गाड़ी पारà¥à¤• की। चार बजे गेट खà¥à¤²à¤¨à¥‡ में दसेक मिनट की देर थी और à¤à¥€à¤¡à¤¼ खड़ी थी। बोरà¥à¤¡ पर जूतों को जमा करने के विषय में पढ हमने जूतों को कार में खोल दिया। गेट खà¥à¤²à¤¨à¥‡ पर संगीता व खà¥à¤¶à¥€ महिला दà¥à¤µà¤¾à¤° से अनà¥à¤¦à¤° चले गये। पà¥à¤°à¥à¤· लाईन चेकिंग में बेलà¥à¤Ÿ पर à¤à¤¤à¤°à¤¾à¤œ होने से मैने उसे खोल दिया परंतॠपरà¥à¤¸ पर à¤à¥€ à¤à¤¤à¤°à¤¾à¤œ पाने पर मैं बेलà¥à¤Ÿ बाà¤à¤§à¤¤à¥‡ हà¥à¤¯à¥‡ लौट पड़ा कि दरà¥à¤¶à¤¨ तो हो ही गये हैं, वृनà¥à¤¦à¤¾à¤µà¤¨ à¤à¥€ जाना है, संगीता के लौटते ही रवाना हो जायेंगें, विचार करते हà¥à¤¯à¥‡ ऑफिस-काउणà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ के सामने खड़ा हो गया जहां दरà¥à¤¶à¤¨à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिये कमà¥à¤ªà¥à¤¯à¥à¤Ÿà¤°à¤¾à¤‡à¤œà¥à¤¡ सà¥à¤²à¤¿à¤ªà¥‡à¤‚ जारी की जा रही थीं। इनके आधार पर ही सामने सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ लॉकरों पर सामान जमा किया जाता है। खाली काउंणà¥à¤Ÿà¤° देख मैने अपने नाम से सà¥à¤²à¤¿à¤ª ले ली। लॉकर काउणà¥à¤Ÿà¤° पर सà¥à¤à¤¾à¤µ मिला कि मैं परà¥à¤¸ सामगà¥à¤°à¥€ को जेब में रख परà¥à¤¸ व बेलà¥à¤Ÿ जमा करवा दूà¤à¥¤ अनदेखी आजà¥à¤žà¤¾à¤µà¤¶ जमा करने का कारà¥à¤¯ किया। अनà¥à¤¦à¤° हरियाली में कà¥à¤› उपर जाने पर सामने नीचे चौक में उतरने के लिये सीढियाठथीं जहां à¤à¤• तरफ गंगाजी की मूरà¥à¤¤à¤¿ जिसके दोनों तरफ मगरमचà¥à¤›à¥‹à¤‚ के मà¥à¤à¤¹ से पानी की धार तथा दूसरी तरफ यमà¥à¤¨à¤¾à¤œà¥€ जिनके दोनों तरफ कछà¥à¤“ं के मà¥à¤à¤¹ से पानी की धार बह रही थी, वहाठखà¥à¤¶à¥€ मेरा इंतजार कर रही थी और मà¥à¤à¥‡ देखते ही खà¥à¤¶à¥€ से चिलà¥à¤²à¤¾à¤ˆ कि नानू देखो… उसकी खà¥à¤¶à¥€ व उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ का कोई पारावार न था। बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिये यह मनà¥à¤¦à¤¿à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण वासà¥à¤¤à¤µ में बहà¥à¤¤ ही खà¥à¤¶à¥€ देनेवाला व उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤µà¤°à¥à¤§à¤• है।
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