
Mumbai Local / मुंबई लोकल: माया नगरी की जीवन रेखा
Mumbai Local Trains.
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Read Moreमेरी पिछली पोस्ट में मैंने आपको अवगत कराया था औरंगाबाद तथा आसपास के दर्शनीय स्थलों से, और आइये अब मैं आपको लिए चलता हूँ…
Read Moreनांदेड में हजुर साहिब सचखंड गुरूद्वारे के पावन दर्शन के पश्चात अब हमारी यात्रा का अगला गंतव्य था श्री औंढा नागनाथ ज्योतिर्लिंग दर्शन.
नांदेड में रणजीतसिंह यात्री निवास से लगभग 10 बजे चेक आउट करने के बाद औंढा के लिए बस पकड़ने के उद्देश्य से हम नांदेड के बस स्टेंड पर पहुँच गए, वहां जाकर पता चला की औंढा के लिए डाइरेक्ट कोई बस उपलब्ध नहीं थी अतः हम बसमथ के लिए बस में सवार हो गए और बसमथ से बस बदलकर लगभग साढ़े 12 बजे औंढा नागनाथ पहुँच गए. अब अपनी कहानी को यहाँ विराम देकर आपको स्थान से परिचित करता हूँ.नांदेड में हजुर साहिब सचखंड गुरूद्वारे के पावन दर्शन के पश्चात अब हमारी यात्रा का अगला गंतव्य था श्री औंढा नागनाथ ज्योतिर्लिंग दर्शन.
नांदेड में रणजीतसिंह यात्री निवास से लगभग 10 बजे चेक आउट करने के बाद औंढा के लिए बस पकड़ने के उद्देश्य से हम नांदेड के बस स्टेंड पर पहुँच गए, वहां जाकर पता चला की औंढा के लिए डाइरेक्ट कोई बस उपलब्ध नहीं थी अतः हम बसमथ के लिए बस में सवार हो गए और बसमथ से बस बदलकर लगभग साढ़े 12 बजे औंढा नागनाथ पहुँच गए. अब अपनी कहानी को यहाँ विराम देकर आपको स्थान से परिचित करता हूँ.
सभी घुमक्कड़ साथियों को मेरा सप्रेम नमस्कार. एक बार फिर उपस्थित हूँ मैं आपलोगों के सामने अपनी नूतन धर्म यात्रा के अनोखे अनुभवों के साथ. अपनी ज्योतिर्लिंग यात्राओं के क्रम में पिछले वर्ष सम्पन्न की गई श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की यात्रा के बाद अगली ज्योतिर्लिंग यात्रा के रूप में हमने महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में स्थित दो ज्योतिर्लिंगों औंढा नागनाथ और परली वैद्यनाथ को चुना. इन स्थलों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए जब मैं गूगल महाशय की शरण में गया तो उन्होंने बताया की दोनों ज्योतिर्लिंग नांदेड शहर के आसपास हैं. नांदेड का नाम पहले भी कई बार सुना था लेकिन ज्यादा जानकारी नहीं थी, अपनी सर्च के दौरान नांदेड के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला, और पता चला की यह शहर सिक्ख धर्म एक…
Read MoreMandvi is known for its 400 year old ship building centre. The local carpenters still make ocean going Dhows in much the same way that their ancestors had done a century ago. One can go and visit the men at work, shaping the great vessels with hand tools and coaxing the seasoned timber into shape. The predecessors of these very same ships had roamed the Indian Ocean and made Kutch a maritime power. Hand made models of these Dhows can also be procured from local artisans.
Read MoreMeanwhile there came two foreigner tourists and they asked me about bus for Bhuj, The same bus in which I had to board was going up to Bhuj so I informed them about the bus. They also had a long time to wait for bus so in order to pass the time they started talking me regarding the India, its culture, tourist places etc. Though they had a very good hand book containing complete information on India tourism destination but still they were very enthusiastic about India. They were from USA and one of them was Kevin who later became my friend as we had to travel together for next 7-8 hours.
It was 11:00 O’ clock and I was feeling hungry, I saw a small shop having garmagaram Jalebi and Fafda, I along with Kevin went there to taste this delicious Gujarati breakfast. It was really tasty and Kevin also liked it, Jalebi was a miraculous dish for him.
Read Moreमोक्षदायिनी शिप्रा (क्षिप्रा) नदी: श्री हरसिद्धि मंदिर के पीछे कुछ ही दुरी पर क्षिप्रा नदी है. उज्जैन इस पवित्र नदी के पूर्वी छोर पर बसा हुआ है. इसके तट पर अनेक ऋषि मुनियों ने साधना की है. स्कन्द पूरण में कहा गया है की सारे भूमंडल पर शिप्रा के सामान कोई दूसरी नदी नहीं है, जिसके तट पर क्षण भर खड़े रह जाने मात्र से ही मुक्ति मिल जाती है. इसके पावन तट पर महँ सिंहस्थ (कुम्भ मेला) के अलावा सोमवती -श्रीशनिश्चरी अमावस्या, कार्तिक पूर्णिमा व ग्रहण आदि पर्वों पर लाखों नर नारी स्नान करके पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं. क्षिप्रा महासभा द्वारा प्रतिदिन गोधुली बेला में क्षिप्रा की महा आरती की जाती है.
Read Moreउज्जैन के प्रमुख दर्शनीय स्थल निम्नानुसार हैं –
श्री महाकालेश्वर मंदिर, श्री बड़े गणेश मंदिर, श्री हरसिद्धि मंदिर, श्री चारधाम मंदिर, श्री नवगृह मंदिर, श्री प्रशांति धाम, श्री राम जनार्दन मंदिर, श्री गोपाल मंदिर, श्री गढ़ कालिका मंदिर, श्री चिंतामन गणेश, श्री काल भैरव, श्री भ्रतहरी गुफा, श्री सिद्धवट, श्री मंगलनाथ मंदिर, श्री संदीपनी आश्रम, वेधशाला, श्री चौबीस खम्भा मंदिर, शिप्रा नदी, कलियादेह पेलेस एवं इस्कोन मंदिर.
चूँकि हमारे पास समय की कमी होने की वजह से हम यह सारे मंदिर तो नहीं देख पाए लेकिन इनमें से अधिकतर स्थलों का अवलोकन करने का सौभाग्य हमें प्राप्त हुआ जिनका वर्णन करना मैं आवश्यक समझता हूँ.
Read Moreश्री महाकालेश्वर मंदिर संस्थान द्वारा संचालित अतिथि विश्राम गृह में फ़ोन द्वारा संपर्क किया (0734 -2551714) तो पता चला की वहां कोई कमरा खाली नहीं है. कुछ देर की मशक्कत के बाद अंततः हमने अपने रहने के लिए मंदिर के एकदम नजदीक ही स्थित एक प्राइवेट गेस्ट हाउस में एक कमरा दो दिनों के लिए बुक करा लिया. कमरा लेने के बाद हमने हाथ मुंह धोकर थोड़ी देर आराम किया तथा भोजन की तलाश में निकल गए. महाकाल मंदिर के मुख्य द्वार के सामने वाली वाली गली में कुछ भोजनालय हैं जहाँ खाना उपलब्ध है लेकिन खाने में निराशा ही हाथ लगी, खाना स्तरीय नहीं था.
Read Moreअपनी कार को मंदिर के बगल में स्थित पार्किंग ज़ोन में पार्क करके हम मंदिर में प्रवेश कर गए. यह मंदिर एक बड़े परिसर में स्थित है. मंदिर ज्यादा पुराना नहीं है तथा दक्षिण भारतीय शैली में निर्मित है. इस मंदिर का मुख्या आकर्षण यहाँ पर स्थित भगवान हनुमान की विशालकाय प्रतिमा है. परिसर में कैला माता के अति सुन्दर मंदिर के अलावा भगवान शिव का एक अति सुन्दर मंदिर तथा शनि नवगृह मंदिर भी है.
Read Moreइस श्रंखला के पहले भाग में मैंने आपको परिचित कराया था महान संत श्री गजानन महाराज के पवित्र स्थान महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में…
Read More21.10.2010 The distance between Srisailam and Tirupati is approx 400 KM and it takes around 12 hours by bus. From Srisailam to Tirupati there…
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